आप भी अगर बासमती चावलों के शौकीन हैं तो ये खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। बासमती चावलों की कीमतों में खासी गिरावट आ गई है। वहीं चावल से ज्‍यादा खाने की थाली में रोटी को प्राथमिकता देने वालों के लिए ये समय वाकई सोचने का है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि गेहूं की कीमतों में आ गया है उछाल।

जानकारी है कुछ ऐसी
जानकारी के अनुसार आने वाले त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए उत्पादक क्षेत्रों से सीमित आपूर्ति के बीच आटा मिलो की ओर से गेहूं उठाव काफी बढ़ गया है। इस कारण से समीक्षाधीन सप्ताह में दिल्ली थोक अनाज बाजार में गेहूं की कीमतों में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। इस तरह से सीमित स्टाक के बीच औद्योगिक मांग के बढ़ने से मक्के की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है।
बासमती चावलों की कीमत हुई कम
उधर, दूसरी ओर पर्याप्त स्टाक के बीच लिवाली समर्थन के अभाव में बासमती चावलों की कीमत कम हो गई है। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी पर गौर करें तो उत्पाद क्षेत्रों से सीमित आपूर्ति के बीच आटा मिलो की मांग बढ़ने के मद्देनजर थोक बाजारों में गेहूं की कीमतों में उछाल आ गया है। 2015-16 विपणन वर्ष में सरकार ने गेहूं खरीद में दो करोड़ 80 लाख टन का आंकड़ा पार कर लिया है।
बाजार पर करें गौर
बता दें कि इस मौसम में FCI ने तीन करोड़ टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था। इस सत्र की शुरुआत अप्रैल के महीने से हुई। बाजार पर गौर करें तो गेहूं दड़ा फ्लोर मिल के भाव 20 रुपये की तेजी संग 1560:1565 रुपये क्विंटल व आटा चक्की डिलीवरी के भाव 1550:1555 रुपये से बढ़कर 1570:1575 रुपये प्रति 90 किलो पर आकर बंद हुए। वहीं लिवाली समर्थन के अभाव में चावल बासमती सामान्य व पूसा -1121 किस्म के भाव 100 रुपये की गिरावट संग क्रमश: 5500:5700 रुपये व  4400:5600 रुपये क्विंटल पर आकर बंद हुए। मक्का के भाव औद्योगिक मांग बढ़ने से 1225 :1230 रुपये से बढ़कर 1295:1300 रुपये क्विंटल पर आकर बंद हुए।

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Posted By: Ruchi D Sharma