- बताया गया कि अलकमा नहीं करती थी सेलफोन का इस्तेमाल

- सुरजीत के भी सेलफोन के बारे में नहीं मिली जानकारी

- सीडीआर से खुलेगा डबल मर्डर का राज

ALLAHABAD: धूमनगंज एरिया के मरियाडीह डबल मर्डर की गुत्थी और उलझ गई है। मामले के खुलासे में अहम माने जा रहे अलकमा व सुरजीत के सेलफोन गायब हैं। अलकमा के बारे में फैमिली वालों ने बताया कि वह सेलफोन का इस्तेमाल नहीं करती थी तो स्पॉट से सुरजीत का सेलफोन भी गायब था। सेलफोन गायब कर दिए गए या खो गए, पुलिस इस सवाल का जवाब खोजने में जुट गई है। सेलफोन न मिलने से शक की सुई फिर से मरियाडीह गांव की ओर घूम गई है।

रेग्युलर ड्राइवर नहीं था सुरजीत

सुरजीत के बारे में पुलिस को पता चला है कि वह आबिद का रेग्युलर ड्राइवर नहीं था। उसे जरूरत पर ही बुलाया जाता था। वह पेशे से मिस्त्री था। बकरीद के रोज भी उसे फोन करके बुलाया गया था। अब यहीं पर आकर मामला उलझ गया है कि जब उसे फोन करके बुलाया गया था तो स्पॉट पर उसका सेलफोन क्यों नहीं मिला। सेलफोन के बारे में पुलिस अभी पूछताछ नहीं कर सकी है। मर्डर की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस सुरजीत व अलकमा द्वारा इस्तेमाल किए जाने से वाले नंबर का पता लगाकर कॉल डिटेल रिकार्ड निकलवाएगी। सीडीआर मिलने के बाद ही मर्डर की गुत्थी सुलझ सकेगी।

जमीन की डील के लिए रुका था प्रधान

पुलिस को इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि मरियाडीह का प्रधान आबिद शुक्रवार को अलकमा के साथ उसी फारच्युनर में सवार था जिस पर हमला हुआ था। वह बमरौली पेट्रोल पंप के पास एक पटेल नाम के युवक से मिलने के लिए रुक गया था। पटेल के साथ उसको जमीन की डील फाइनल करनी थी। उसने सुरजीत से कहा था कि अलकमा को छोड़कर वापस आ जाए। हालांकि एफआईआर और आबिद की पहले बताई गई कहानी में काफी फर्क है। आबिद ने एफआईआर में लिखवाया है कि चचेरी बहन अलकमा को भेजने के बाद वह दूसरी गाड़ी से वापस आ रहा था तभी उसने सात लोगों को फारच्युनर पर फायरिंग करते देखा। फायरिंग का आरोप उमरी के साबिर, वसी अहमद, मकसूद अहमद, बेलीगांव के कम्मू व जाबिर तथा मीरापट्टी के इन्तेखाब आलम पर लगाया गया था। सवाल है कि जब उसने गाड़ी को वापस बुलवाया था तो वह पीछे-पीछे फिर कैसे आसिफ, मुन्ने, फरहान के साथ दूसरी गाड़ी से कैसे गांव जाने लगा। अब या तो आबिद का पहले दिया बयान गलत था या एफआईआर फर्जी है।

गांव में कड़ा पहरा

मरियाडीह गांव में डबल मर्डर के बाद से पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। एक पिकेट परमानेंट वहां पर मौजूद रहती है। पुलिस ने आबिद के दुश्मनों व दोस्तों की लिस्ट भी निकाल ली है। हर किसी से पूछताछ की जाएगी। हालांकि अभी तक पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सुबूत नहीं मिला है। मर्डर के आरोपियों की लोकेशन का पता लगाने के लिए उनके सेलफोन की डिटेल निकवाई गई है।

मऊआइमा पहुंची पुलिस

मर्डर के मामले में नामजद उमरी गांव के आबिद, वसी अमद व मकसूद अहमद की तलाश में धूमनगंज पुलिस मऊआइमा पहुंच गई। पुलिस को जानकारी मिली थी कि तीनों मऊआइमा एरिया में अपने किसी रिश्तेदार के घर टिके हुए हैं। टीम को रात में ही रवाना कर दिया गया था। एक टीम ने मीरापट्टी, उमरी के साथ ही बेली गांव एरिया में भी आरोपियों के घर पर दबिश डाली। पुलिस ने कुछ रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए बैठाया है।

इन सवालों के चाहिए जवाब

- सेलफोन गायब करने के पीछे कौन हो सकता है

- आबिद के चक्कर में अलकमा मारी गई या साजिश का शिकार हुई

- अलकमा के मर्डर के तार उसके ससुराल सैयदसरावां से तो नहीं जुड़ रहे

- पति महबूब से अलकमा के रिश्ते कैसे थे

- सुरजीत को आखिरी बार किसने कॉल किया था

- मर्डर करने वाले अंधेरे में किस तरफ से पैदल ही भागे

- पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। मर्डर के आरोपियों की तलाश में दबिश डाली जा रही है। जल्द ही सभी आरोपियों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।

राजेश यादव, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive