क्‍या आपने क‍िसी अस्‍पताल में सफाई कर्मी को डॉक्‍टर बनकर ऑपरेशन करते देखा है। वह भी टॉर्च की रोशनी में। शायद आपका जवाब नहीं होगा लेकि‍न हाल ही में ब‍िहार के एक अस्‍पताल में एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है। खास बात तो यह है क‍ि इस लापरवाही वाले मामले में फ‍िलहाल अस्‍पताल प्रशासन भी चुप है। यहां पढ़ें पूरा मामला...


ऑपरेशन थियेटर में टॉर्च की रोशनी में कर दिया ऑपरेशनहाल ही में बिहार के सहरसा में स्थित सदर अस्पताल में सड़क दुर्घटना में घायल महिला को उपचार के लिए ले गए थे। इस दौरान महिला का ऑपरेशन होना था। पूरे अस्पताल में अंधेरा था। बावजूद इसके अंधेरे में ही एक डॉक्टर महिला का ऑपरेशन करने को तैयार हो गया। साथ ही परिजनों को बताया कि अस्पताल में लाइट में कल से नहीं है और कब तक आएगी इस बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसके बाद ऑपरेशन थियेटर में टॉर्च की रोशनी में पीड़िता का ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन की रिकॉर्डिंग भी की गई। वहीं जब कुछ समय बाद लोगों को पता चला कि यहां डॉक्टर भी इस समय मौजूद नहीं हैं तो वे हैरान हो गए। हंगामे के बाद भी अस्तपताल प्रशासन पूरी तरह से चुप है
परिजन पता करने लगे कि आखिर फिर उनके मरीज का ऑपरेशन किसने किया। ऐसे में लोगों ने ऑपरेशन करने वाले से ही उसका नाम पूछा। इस पर पहले तो वह अपना नाम ही नहीं बता रहा था लेकिन काफी दबाव के बाद उसने बता दिया। ऐसे में उसने जैसे ही नाम बताया तो लोग हैरान हो गए क्योंकि वह कोई डॉक्टर नहीं था। वह अस्पताल का सफाई कर्मचारी थी। वही यहां पर डॉक्टरों के न होने पर कई बार केसेज को हैंडल करता है। ऐसे में जब इस मामले में अस्पताल के सिविल सर्जन से संपर्क करने की कोशिश तो उन्हें बताया गया कि वो पटना गए हुए हैं। वहीं परिजनों के हंगामे के बाद भी अस्तपताल प्रशासन पूरी तरह से चुप है।

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Posted By: Shweta Mishra