जून के बाद से परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को नहीं मिली सैलरी

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ALLAHABAD: बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का वेतन दो महीने से रुका पड़ा है। त्यौहारों के सीजन में वेतन न मिलने से टीचर्स परेशान हैं और कोई यह बताने वाला भी नहीं है कि वेतन कब तक खाते में आ जाएगा।

सैलरी रुकने से बिगड़ जाता है बजट

सैलरी पर बेस्ड लोगों के सामने मनी फ्लो रुक जाने से संकट खड़ा हो जाता है। जुलाई में स्कूलों में त्रैमासिक किश्त के रूप में बच्चों की फीस जमा करना, होम लोन, वाहन लोन की किश्त चुकाना, मकान का किराया देना ऐसी समस्या है जो पूरे परिवार में तनाव बढ़ा देता है। प्राथमिक स्कूल में शिक्षक हरित जेदली बताते हैं कि जुलाई सबसे खर्चीला महीना होता है। इस महीने में सैलरी टाइम से मिलना जरूरी है। सैलरी रूकने का सीधा मतलब है कि कई माह का बजट बिगड़ जाना।

जुलाई में इंक्रीमेंट होता है, ऐसे में सैलरी कुछ दिन लेट होने की बात समझ में आती है। यहां तो जून के बाद सैलरी मिली ही नहीं। इस समय घर के साथ दूसरे खर्चो को मैनेज करने में पसीना छूट जाता है।

हरित कुमार जेदली

पीएस दानापुर, कौडि़हार 2

नौकरी पेशा लोग सैलरी पर ही डिपेंड होते हैं। बच्चों की फीस, दूध का खर्च समेत दूसरे अन्य घर के खर्चो को समय से पूरा करना ही पड़ता है। टीचर्स की इस समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

सरोज सिंह पटेल, जसरा

दो सितंबर को बकरीद है। अभी तक सैलरी का कुछ पता नहीं है। बच्चों की ट्यूशन और कोचिंग फीस पेंडिंग हो गई है। इसके बीच कोई बीमार पड़ गया तो मुसीबत बढ़ जाती है। समझ में नहीं आता कि टीचर क्या करे।

सईद बहार आलम

यूपीएस धनुपुर, कौडि़हार 2

बड़ी दिक्कत उन टीचर्स को है जिन्हें लोन की किश्त देना है। समय से ईएमआई नहीं जमा हुई तो उस पर जुर्माना देना पड़ता है। टीचर वैसे ही लोन के बोझ से दबा है।

अमर सिंह

यूपीएस मोहब्बतपुर, चाका

टीचर्स की सैलरी शुक्रवार को कोषागार भेजवा दी गई है। उम्मीद है शनिवार या सोमवार तक सैलरी खातों में क्रेडिट हो जाएगी। सैलरी में देरी का कारण जुलाई में इंक्रीमेंट लगना था। इसका साफ्टवेयर ठीक काम नहीं कर रहा था। मैन्युअली कार्य करने में समय लग गया।

-विमलेश यादव

लेखाधिकारी

Posted By: Inextlive