ट्वेंटी-20 विश्व कप: भारत कितना तैयार है?
नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल होकर टीम से बाहर होने के बाद विराट कोहली की कप्तानी में एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ अपना आखिरी मैच जीतने के बावजूद टूर्नामेंट से बाहर हो गई. कारण रहा श्रीलंका और पाकिस्तान से भारत का हारना.इस टीम का विदेशों में हारना तो समझ में आता है लेकिन एशियाई पिचों पर भी हारना कहीं ना कहीं टीम की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है.ऐसा भी नहीं था कि भारतीय टीम बिल्कुल युवा और अनुभवहीन खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी. जिस टीम की आईसीसी एकदिवसीय रैंकिंग दूसरे पायदान पर हो और विराट कोहली, शिखर धवन, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, रवींद्र जाडेजा और दिनेश कार्तिक जैसे अनुभवी बल्लेबाज़ जिस टीम का हिस्सा हों दूसरी तरफ आर अश्विन, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी जैसे मंझे हुए गेंदबाज़ हों उस टीम का लगातार हारना हैरान करता है.
पहली बार एशिया कप खेल रही अफ़ग़ानिस्तान ने मेज़बान बांग्लादेश को 32 रन से हराकर उलटफेर किया तो बांग्लादेश ने पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया. वह तो शाहिद अफ़रीदी के तूफ़ानी अर्धशतक ने पाकिस्तान को हार के मुंह से निकाल लिया वर्ना बांग्लादेश की जीत में कोई कसर नहीं रह गई थी.
शनिवार को श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट जीत लिया है.'नाकाम गेंदबाज़ी'
कभी अपनी कप्तानी में पाकिस्तान और श्रीलंका को हराकर पहला एशिया कप भारत को जिताने वाले सुनील गावस्कर अगर ऐसा कह रहे हैं तो इस टीम की हालत समझी जा सकती है.जिस टीम का कोचिंग स्टाफ़ भी मोटा पैसा लेकर अगर ड्रेसिंग रूम में केवल मुंह पर हाथ बांधे बैठा दिखाई दे उस टीम से 16 अप्रैल से शुरू होने जा रहे ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप को जीतने की उम्मीद कैसे की जाए.