डॉट की समिति ने ऐसी टेलीकॉम कंपनियों को दूर रखने की सिफारिश आखिर क्यों की जाने


ऐसी कंपनियों को दूसरा मौका नहींसुप्रीम कोर्ट के फैसले से 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस गंवाने वाली टेलीकॉम कंपनियों को अगली नीलामी से दूर रखा जा सकता है। दूरसंचार विभाग (डॉट) की एक समिति ने ऐसी कंपनियों को स्पेक्ट्रम खरीद के लिए दूसरा मौका न देने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश को अंतर मंत्रालयी पैनल दूरसंचार आयोग ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि, टेलीकॉम नियामक ट्राई की राय इससे अलग है।29 अक्टूबर को अंतिम फैसलादूरसंचार आयोग ट्राई सहित डॉट के सुझावों पर 29 अक्टूबर को अंतिम फैसला करेगा। इसके बाद इसे स्पेक्ट्रम पर बने वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।बदलाव का सुझाव
डॉट की समिति ने स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने वाली कंपनियों की पात्रता शर्तों में जरूरी बदलाव का सुझाव दिया है। इसमें कहा गया है कि नई कंपनियां या मौजूदा टेलीकॉम ऑपरेटर ही इसमें शामिल हो सकते हैं। वहीं, ट्राई का सुझाव है कि पिछली दो नीलामियों (नवंबर 2012 और मार्च 2013) की पात्रता शर्तों को अगली नीलामी में भी बरकरार रखा जाना चाहिए। इन दोनों नीलामी में लाइसेंस गंवाने वाली कंपनियों को भी बोली लगाने का अधिकार दिया गया था।

Posted By: Subhesh Sharma