मुंबई का शिवाजी पार्क क्रिकेट मैदान.


शाम के पांच बजे हैं और मैदान में कम से कम 13 क्रिकेट नेट्स में पांच साल से लेकर 23 साल के खिलाड़ी अभ्यास में जुटे हैं.मैदान के एक कोने में 60 के ऊपर के एक शख्स तीन बच्चों को क्रिकेट खिलवा रहे हैं.पांच साल के एक बच्चे ने जैसे ही गेंद ख़राब फेंकी आवाज़ आई, "ठीक से फ़ेंक, नहीं तो मैदान के तीन राउंड मारेगा तू".दास शिवलकर की उम्र अब दिखने लगी है, लेकिन जवाब देने में अभी भी उनका कोई जवाब नहीं.मैंने पूछा  सचिन तेंदुलकर का आख़िरी टेस्ट मैच देखने जाएंगे क्या?जवाब मिला, "मैंने अचरेकर की बेटी को कह रखा है, बोल देना सचिन से कि अगर एक टिकट नहीं भेजा तो उसकी इज़्ज़त करना छोड़ दूंगा. कह देना उससे कि मेरे सामने नहीं आएगा दोबारा, आख़िर पांच सौ टिकट मिले हैं उसे मुंबई क्रिकेट संघ से".दास शिवलकर


"मैंने अचरेकर की बेटी को कह रखा है, बोल देना सचिन से कि अगर एक टिकट नहीं भेजा तो उसकी इज़्ज़त करना छोड़ दूंगा. आख़िर पांच सौ टिकट मिले हैं उसे मुंबई क्रिकेट संघ से"-दास शिवलकर

सचिन तेंदुलकर के बारे में जग ज़ाहिर है कि उनके भाई अजित तेंदुलकर उन्हें 11 वर्ष की आयु में शिवाजी पार्क में क्रिकेट सिखाने ले गए थे.

शिवाजी पार्क में रमाकांत अचरेकर के नेट्स चला करते थे और दास शिवलकर उनके सहायक कोच थे.दास शिवलकर ने सचिन को देखा और नेट्स में खिलवाना शुरू किया.सचिन की प्रतिभा को पहचानने में उन्हें या अचरेकर को बिलकुल भी समय नहीं लगा.सचिन घंटो दास शिवलकर के संरक्षण में शिवाजी पार्क में क्रिकेट खेला करते थे.अभ्यास के बाद सचिन और विनोद कांबली दास शिवलकर के पास आराम करते थे और क्रिकेट के महीन गुर सीखते थे.दास शिवलकर के बड़े भाई प्रमोद शिवलकर भी शिवाजी पार्क में नेट प्रैक्टिस करवाते हैं.बीमारीसचिन के बचपन के दिनों को याद करते हुए दास शिवलकर कहते हैं, "खिलाने के बाद मैं उसे वो सामने शिवाजी जिमख़ाना की कैंटीन में खाना खिलाने ले जाता था. आज मेरी बाईं आँख ख़राब हो चुकी है, इसका ऑपरेशन होना है."उन्होंने कहा, "अभी परसों विनोद कांबली आया था, बोला दास सर आप कुछ भी कह लो, मैं तो आपका शिष्य ही हूँ. मैंने कहा अभी तक कहाँ थे कांबली".वर्ष 2011 में मुंबई में आयोजित एक समारोह में रमाकांत अचरेकर और दास शिवलकर को सम्मानित किया गया था.
ख़ुद सचिन उस समारोह में मौजूद थे जिसमें मुम्बई के एक नामचीन अस्पताल ने अचरेकर और शिवलकर को मुफ़्त इलाज मुहैया कराने का ऐलान किया था.लेकिन दास शिवलकर इस बात से ख़फ़ा हैं कि सचिन ने अपने बेटे को  क्रिकेट सिखाने के लिए शिवाजी पार्क नहीं बल्कि बांद्रा जिमख़ाना चुना.उन्होंने कहा, "सचिन आज सचिन शिवाजी पार्क में दीक्षा की बदौलत है. हाँ, ये सही है कि उसमें अपार प्रतिभा है, लेकिन हमने उसे तराशा भी है. अफ़सोस इसी बात का है कि सचिन ने अर्जुन के लिए दूसरी जगह चुनी".

Posted By: Satyendra Kumar Singh