क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: एक समय था जब सिटी में तालाबों की भरमार थी. वहीं तालाबों की वजह से सिटी में पानी का लेबल भी दुरुस्त था. उस समय 50 फीट की बोरिंग में ही पानी निकल आता था. लेकिन आज तो सिटी के नक्शे से तालाब गायब होते चले गए. स्थिति यह है कि जो तालाब बचे हैं उनकी भी स्थिति खराब है. अब रिम्स से मोरहाबादी जाने वाली तेतरटोली में तालाब की खुदाई ब्यूटीफिकेशन के नाम पर की गई. वहीं इसके चारों ओर सीढि़या बनाकर घेराबंदी भी कर दी गई. लेकिन, सफाई नहीं होने के कारण इसका पानी जहरीला होता जा रहा है. अगर जल्द ही रांची नगर निगम नहीं जागा तो इसका पानी किसी काम का नहीं रहेगा.

1.06 करोड़ में ब्यूटिफिकेशन

पिछले साल इस तालाब के ब्यूटीफिकेशन पर 1.06 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. इसमें तालाब की गहराई बढ़ाई गई थी और इसका एक्सटेंशन भी किया गया था. ताकि तालाब में पानी रीस्टोरेशन के साथ ही आसपास का वाटर लेबल भी मेंटेन रहे. इसके अलावा चारों ओर बाउंड्री का भी निर्माण कराया गया था. साथ ही चारों ओर रेलिंग लगाने के बाद गेट भी लगाए गए ताकि कोई भी बाहरी लोग बेवजह तालाब का इस्तेमाल न कर सके. लेकिन इतना खर्च करने के बाद भी नगर निगम ने तालाब की सफाई पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा.

नगर निगम बना लापरवाह

तालाब के ब्यूटीफिकेशन का उद्देश्य था कि इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी. वहीं रेगुलर सफाई का काम नगर निगम कराएगा. वहीं तालाब की सफाई के बाद उसमें ब्लीचिंग का छिड़काव कराने के साथ ही उसमें पाउडर भी डाला जाएगा. लेकिन इस तालाब में आसपास के कमजोर तबके के लोग नहाने-धोने से लेकर अपने दैनिक काम भी निपटाते हैं. इतना ही नहीं, लोग अपने जानवरों को भी लाकर तालाब में ही धो देते हैं. इससे सारा कचरा तालाब में ही जा रहा है. इस वजह से ही तालाब में गंदगी हो गई है. पानी जहरीला होता जा रहा है.

बारिश का पानी नहीं पहुंच रहा

तालाबों को बचाने के उद्देश्य से इसका ब्यूटीफिकेशन कराया गया. लेकिन ब्यूटीफिकेशन के चक्कर में चारों ओर कंक्रीट की बाउंड्री करा दी गई. इससे बारिश का पानी तो तालाब में पहुंच ही नहीं पा रहा है. इस वजह से तालाब में भी पानी कम होता जा रहा है. अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह तालाब भी सिटी के नक्शे से गायब हो जाएगा.

Posted By: Prabhat Gopal Jha