- सिंधी समुदाय की ओर से निकाली गई भव्य शोभायात्रा

- मेले में रातभर रही लोगों की खासी भीड़

LUCKNOW: सिंधी समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार और नववर्ष के रूप में मनाया जाने वाला चेटीचंड उत्सव पूरे शहर में बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सिंधी समुदाय के लोगों ने जगह-जगह झाकियां निकाल और नृत्य करइस जश्न को उत्साहपूर्वक मनाया। अपने आप में अनूठे चेटीचंड मेले की धूम देर रात तक गोमती नदी के किनारे रही। हजारों की संख्या में सिंधी समुदाय के लोगों ने झूलेलाल जयंती पर जश्न मनाया। दिनभर शहर में गुजरने वाली चेटीचंड शोभायात्रा के अलावा मेले में सभी ने एक दूसरे को चेटीचंड की बधाइयां दीं।

झूले लाला वाटिका में लगा मेला

भगवान के दर्शन संग हलुआ और चने का प्रसाद चखते समाज के लोगों का जमघट देर रात तक लगा रहा। जैसे ही झंाकी झूलेलाल पार्क में पहुंची, वहां का नजारा मेले में बदल गया। कई जगहों पर स्टॉल और खान पान के सामान मौजूद रहे। वहीं रंग, बिरंगी रोशनियों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम भी खूब हुए। नगर में झूलेलाल जयंती सिंधी गानों और पकवानों के साथ पारंपरिक रूप से बड़ी धूमधाम से मनाई गई।

भाईचारे के संदेश के साथ निकाली रैली

चेटी चंड मेला समिति के अध्यक्ष सतीश आडवानी ने बताया कि सुबह करीब 11 बजे शिवशांति आश्रम आलमबाग संत चांदू राम सहाय ने हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया। शोभायात्रा में एक से बढ़कर एक झाकियां देखने को मिली, जिसमें आपसी भाईचारा और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया तो वहीं देश के विभाजन का दर्द भी दिखा। इस बार झांकियों में बेटी को बचाने की महिम भी देखने को मिली। ये झाकियां मवैया से होते हुए, चारबाग, अमीनाबाद नजीराबाद, कैसरबाग, पानदरीबा, हजरतगंज से होते हुए हनुमान सेतु के निकट स्थित झूलेलाल वाटिका में जाकर समाप्त हुई।

हजरतगंज में जमकर की मस्ती

झांकी जैसे ही हजरतगंज पहुंची वहां पर सिंधी समुदाय के लोगों ने जमकर डांस किया। मल्टी लेवल पार्किंग के पास लगे म्यूजिक सिस्टम पर लोगों ने जमकर डांस किया और नववर्ष की खुशी मनाई। जगह जगह लगे दर्जनों की संख्या में खाने पीने के स्टॉलों पर लोगों ने अल्पाहार किया। बाद में जुलूस परिवर्तन चौक हनुमान सेतु होता हुआ झूलेलाल पार्क पहुंचकर चेटीचंड मेले में बदला।

जगह जगह लगे लंगर

झाकियों के बीच में पड़ने वाले रास्तों पर लंगर का दौर चलता रहा। जिसमें गर्मी के हिसाब से पानी व शर्बत बांटा गया तो वहीं पाव छोले , मीठे केसरिया चावल और सूखे छोले का प्रसाद बंटा। झूलेलाल घाट पर भी चने पाव सब्जीपूड़ी का प्रसाद बंटा।

Posted By: Inextlive