सैनिकों ने शस्त्र उल्टा कर दी सलामी

सैनिक को अंतिम सलामी देने के लिए बड़ी संख्या में उमड़े क्षेत्र के लोग

KAUDIRAM

अमृतसर से जम्मू कश्मीर जाते समय सड़क हादसे में शहीद संजय कुमार राय का शव शुक्रवार सुबह सेना के विश्ेाष वाहन से उनके गांव जमुनीजोत विशुनपुर पहुंचा। शव पहुंचते ही पूरा माहौल गमगीन हो गया। अंतिम दर्शन के लिए गांव और क्षेत्र के लोगों की भीड़ जुट गई। शहीद की शवयात्रा फूलों से सजे हुए सेना के वाहन पर निकली।

शहीद के साथ आए सैनिक और गांव के लोग मुक्तिपथ बड़हलगंज के लिए निकले तो बरबस ही लोगो के आंसू निकल पड़े। शहीद संजय कुमार का शव मुक्तिपथ पर पहुंचने पर जीआरडी के जवानों ने शव को अपने कंधे पर लेकर घाट तक पहुंचाया। गोरखा रेजीमेंट के कमांडिग ऑफिसर लेप्टीनेंट कर्नल मैथ्यू केए व 46 एनसीसी बटालियन के कमांडिग ऑफिसर लेप्टीनेंट कर्नल योगेंद्र यादव के नेतृत्व में सेना के जवानों ने शस्त्र उल्टा कर सलामी दी और शहीद के सम्मान में फायरिंग कर अंतिम विदाई दी। शहीद के शव पर आर्मी के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित किया। स्ाजय कुमार राय के छोटे भाई सुधीर कुमार राय ने नम आंखों से मुखाग्नि दी।

ये रहे मौजूद

अमर शहीद संजय राय की अंतिम यात्रा के समय तहसीलदार बासगांव वेदप्रिय आर्य, भाजपा नेता मारकण्डेय राय, कृष्ण मुरारी राय, प्रबंधक सीताराम राय, प्राचार्य डॉ.रामकृपाल राय, आदित्य राय, सपा नेता नन्दलाल कन्नौजिया, रविशंकर राय, डॉ। ज्ञान प्रकाश मिश्र, डॉ.अजय कुमार राय, कॉग्रेस नेता डॉ। संजय कुमार, आर्टीलरी के जवान एके राय, बार एशोसिएशन के सुरेश सिंह एडवोकेट आदि मौजूद थे।

कंचन के करुण क्रंदन से भर आई आंखें

शहीद संजय राय की पत्नी कंचन अमृतसर से देर रात घर पहुंच चुकी थी। शव पहुंचने पर उसके करुण क्रंदन से वहां उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति की आंखें नम हो गई। वहीं, मां सरोज राय बदहवास होकर पड़ी रही।

देश के बच्चा थे संजय: सेना प्रवक्ता

शव के अंतिम संस्कार में सम्मिलित होने आये सेना के प्रवक्ता ने संजय कुमार राय के पिता अनिल राय को ढांढस बधाते हुए कहा कि संजय देश का बच्च था। उसका शहीद होना देश की क्षति है। देश की फौज हमेशा आपके साथ है। प्रवक्ता ने अखबार नवीसो द्वारा पूछे जाने पर कहा कि संजय कुमार राय को शहीद का दर्जा दिया गया है।

Posted By: Inextlive