मुंबई के 15 साल के क्रिकेटर प्रणव धनवाड़े। प्रणव ने अंतर स्कूल टूर्नामेंट में नाबाद 1009 रन बनाकर नया इतिहास रच दिया है। फिलहाल क्रिकेट के इतिहास में वह चार अंकों का स्कोर बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। केसी गांधी हायर सेकेंडरी स्कूल की तरफ से खेल रहे धनवाड़े ने मुंबई क्रिकेट संघ की ओर से आयोजित भंडारी कप अंतरस्कूल टूर्नामेंट में आर्य गुरूकुल के खिलाफ केवल 323 गेंदों पर यह स्कोर बनाया और उनका स्ट्राइक रेट 312.38 रहा। प्रणव के कॅरियर की बड़ी शुरुआत है। वैसे प्रणव से पहले भी ऐसे कई नौजवान क्रिकेटर्स रहे हैं जो स्‍कूल और कॉलेज लेवल पर अचानक से कामयाबी की बहुत ऊंचाई पर पहुंचे। उसके बाद इन्‍होंने खुद को राज्‍य स्‍तर पर भी प्रेजेंट किया। यहां तेंदुलकर जफर और कांबली का नाम तो याद ही होगा आपको जो अपनी काबिलियत को इंडिया लेवल तक ले गए। वहीं आपको उनके बारे में क्‍या कहेंगे जो शुरुआत तो जबरदस्‍त कर गए लेकिन उसके बाद उनका नाम तक कहीं खो गया। आइए मिलें इन्‍हीं चंद क्रिकेटर्स से जिन्‍होंने स्‍कूल और कॉलेज लेवल पर तो जबरदस्‍त शुरुआत की लेकिन उसके बाद अब हैं ये कहां किसे पता।

राहुल तोंदुलकर
ये बच्चा तो आपको याद ही होगा। 2005 के हैरिस शील्ड गेम्स में शानदार 357 रनों के साथ इसने लोगों की जबरदस्त तारीफें बटोरीं। कामयाबी का सूरज सामने ऐसे चमकता दिख रहा था कि दूसरे ही दिन इनको मुंबई इंडर 17 टीम में चुन लिया गया। फिर उसके बाद क्या हुआ। अचानक इनका नाम ही खो गया। इनके रिकॉर्ड को एक हफ्ते के अंदर यश गांधी ने तोड़ दिया। उसके बाद अंडर 17 में ये अपने रिकॉर्ड को दोबारा कभी ऊपर नहीं उठा पाए। इसके बाद क्या अब आप राहुल को कहीं कोई रिकॉर्ड तोड़ते देखते हैं।

संजीव जाधव
संजीव जाधव का नाम बहुत कम सुनने में आया होगा। हालांकि इन्होंने 422 रनों के बेहतरीन स्कोर के साथ शुरुआत की। ये वक्त था 1985 का, जब इन्होंने सैक्रेड हार्ट ब्वॉयज हाईस्कूल की ओर से क्रिकेट खेलकर ये स्कोर खड़ा किया था। उनके इस प्रदर्शन को देखकर लोग कहने लगे थे कि संजीव वाकई बहुत जबरदस्त खेलते हैं, लेकिन उसके बाद सिर्फ 3 ही गेम्स के बाद इनका नाम भी कहीं खो गया। अब फिलहाल एयर इंडिया के टिकटिंग डिपार्टमेंट में संजीव 9 से 5 की जॉब कर रहे हैं।   

दीपक चौगले
यहां एक और नाम है दीपक चौगले। स्पोर्ट स्टार ट्रॉफी अंडर 13 में इन्होंने नाबाद 400 रनों का स्कोर खड़ा किया। ये मैच खेला गया था कर्नाटक और गोवा के बीच 1997 में। इसके बाद 2002 से 2003 के बीच इन्होंने 26 फर्स्ट क्लास मैच खेले। सभी मैचों में इनका टोटल स्कोर रहा 1082 रन, जो एक मैच में 400 रन बनाने वाले के लिए कम था। 2012 तक तो ये कुछ मैचों में नजर आए, लेकिन उसके बाद इनका नाम भी खो गया।  

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Posted By: Ruchi D Sharma