7 जून 1952 को हेडिंग्ले में भारत और इंग्लैंड के बीच एक ऐतिहासिक मैच खेला गया। यह मैच भारत की सबसे खराब बैटिंग के लिए जाना जाता है।

 

 

1952 में खेला गया था यह मैचकानपुर। टेस्ट क्रिकेट का इतिहास करीब 142 साल पुराना है। इस दौरान कई ऐतिहासिक और यादगार मैच खेले गए। ऐसा ही एक चर्चित मैच साल 1952 में हुआ था। जब भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर गई थी। चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच हेडिंग्ले में आयोजित किया गया। 5 से 9 जून तक चले इस टेस्ट में तीसरे दिन वो सबकुछ हुआ, जिसे देख पूरी दुनिया हैरान हो गई। दरअसल भारतीय कप्तान विजय हजारे ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। भारत की पहली पारी 293 रनों पर सिमट गई। मेजबान इंग्लैंड ने भी पहली इनिंग्स में स्कोर बोर्ड पर 334 रन टांग दिए।
जीरो रन पर आउट हुए चार बल्लेबाजअब तीसरे दिन भारत को अपनी दूसरी पारी की शुरुआत करनी थी। भारतीय ओपनर बल्लेबाज पंकज रॉय और डी. गायकवाड़ बैटिंग करने मैदान में आए। उधर पहला ओवर फेंकने आए फ्रेड ट्रूमैन, यह उनका पहला टेस्ट मैच था मगर डेब्यू मैच में ही उन्होंने ऐसी गेंदबाजी की, कि इतिहास बन गया। भारतीय टीम का अभी खाता भी नहीं खुला था कि चार बल्लेबाज बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए थे। इसमें से तीन विकेट फ्रेड ने लिए जबकि चौथा शिकार एलेक्स ने किया। टेस्ट इतिहास की यह सबसे खराब शुरुआत मानी जाती है। जीरो रन पर चार विकेट, फिर कभी नहीं गिरे।
8 बल्लेबाज नहीं पहुंचे दहाई के अंक तकभारत की तरफ से कप्तान विजय हजारे (56) और पाढ़कर (64) ने कुछ उपयोगी पारी खेलीं। तब जाकर दूसरी पारी में टीम इंडिया का स्कोर 165 रन बन पाया, नहीं तो टीम के 8 बल्लेबाज तो दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंच सके। बाद में इंग्लिश टीम ने 3 विकेट के नुकसान पर लक्ष्य पा लिया और भारत यह मैच 7 विकेट से हार गया था।
आज खेला गया था पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच, जिसमें गावस्कर ने 138 गेंद खेलकर बनाए थे 0 रन
 

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari