किसी भी देश की सेना या मिलिट्री का काम आम नागिरकों की तुलना में काफी अलग और मुश्‍किल होता है। अपने जटिल और खतरों से भरे कामों को अंजाम देने के लिए मिलिट्री अपने लिए तमाम अविष्‍कार करने के अलावा कई ऐसे यंत्र और साजो सामान बनाती ही रहती है। पर आपको बता दें कि दुनिया भर में मिलिट्री द्वारा कई ऐसी मशीनें और प्रोडक्‍ट बनाए गए हैं जो आजकल हम आप यानि पूरी दुनिया अपनी रोजमर्रा की लाइफ में मजे से यूज करती है। यानि कि सेना ने अपने इन खास 9 अविष्‍कारों से लोगों की लाइफ को आसान बना दिया है।

जीपीएस
स्मार्टफोन में यूज होने वाले GPS सिस्टम से आजकल हम आप गूगल पर कोई भी जगह आसानी से खोज सकते हैं। यहीं नहीं नए देश और नए शहर में जीपीएस ट्रैकर के द्वारा आसानी से बिना कहीं भी पहुंच सकते हैं। आपको बता दें कि जीपीएस का अविष्कार अमेरिकी सेना ने 1990 में आसपास कर लिया था। साल 1996 में GPS सर्विस आम लोगों को पहली बार उपलब्ध कराया गया।

 

माइक्रोवेव ओवन
आजकल घरों में तरह तरह के खाने फटाफट बनाने और मिनटों में खाना गर्म करने के लिए यूज होने वाला माइक्रोवेव ओवन भी अमेरिकी मिलिट्री की ही देन हैं। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सेना के एक साइंटिस्ट ने इस बात पर गौर किया कि वॉर में युद्ध होने वाले रेडार, ट्रांसमीटर और माइक्रोवेव उपकरण इतनी गर्मी पैदा करते हैं, तो क्यों न इससे खाना बनाया जाए। इसइसका नतीजा हुआ कि 1950 से पहले माइक्रोवेव ओवन का अविष्कार किया गया।

 

जीप
शान की सवारी कही जाने वाली सबसे पुरानी SUV यानि जीप को राह चलते देखकर लोगों की नजरें एक बार तो जरूर रुकती हैं। यह जीप यूएस आर्मी द्वारा पहली बार यूज की गई थी। जंगलों और बीहड़ों में चलने वाली जीप बहुत ही दमदार वाहन मानी जाती थी। यही वजह है कि आज भी लोगों में जीप का क्रेज बरकरार है।

 

सेनेटरी नैपकिन
महिलाओं द्वारा यूज किए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन का अविष्कार यूएस मिलिट्री द्वारा ही किया गया। साल 1914 में अमेरिकी कंपनी किंबली क्लार्क के मालिक को एक ऐसा मटीरियल मिला, जो कॉटन की तुलना में 5 गुना ज्यादा पानी सोख सकती थी। शुरुआत में इस मटीरियल का यूज मिलिट्री में सैनिकों के जख्मों पर बैंडेज करने के लिए किया गया। फिर सेना में नर्सें इस मैटीरियल का इस्तेमालन सेनेटरी नैपकिन के रूप में करने लगीं। धीरे धीरे किंबली क्लार्क कंपनी ने सेनेटरी नैपकिन का व्यवसायिक स्तर पर उत्पादन शुरु कर दिया।

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जरीकेन
घरों और ऑफिसों में तेल या पानी भरने के लिए इस्तेमाल होने वाले जरीकेन पहली बार सेना द्वारा ही यूज किए गए। 1930 के आसपास जर्मनी की सेना जरीकेन का यूज करती थी।


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Posted By: Chandramohan Mishra