दिल्‍ली की राजनीति में पिछले कुछ दिनो से मोहल्‍ला क्लिनिक को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। ऐसे में आप के दिमाग में ये सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्‍या है मोहल्‍ला क्लिनिक में जो राज्‍यपाल और राज्‍य सरकार आपस में भिड़े हैं।

आप सरकार ने रखा था 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोलने का लक्ष्य
दिल्ली में आप सरकार ने 1000 मोहल्ला क्लिनिक खोलने का लक्ष्य तय किया था लेकिन वहां अभी तक सिर्फ 110 ऐसे क्लिनिक खुले हैं। 2015 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 110 मोहल्ला क्लिनिक खोले। ये मोहल्ला क्लिनिक दो मिलियन लोगों को बेहतर स्वास्थ सेवाएं देने के लिए खोले गए। भारत की 89 प्रतिशत आबादी अपनी जेब से स्वास्थ सेवाओं के लिए पैसे खर्च करती है। मात्र 17 प्रतिशत लोगों के पास ही भारत में हेल्थ इंश्योरेंस है। मोहल्ला क्लिनिक में आप को 110 दवाएं और 212 डॉयग्नोस्टिक टेस्ट पूरी तरह से फ्री हैं।

मोहल्ला क्लिनिक की शुरुआत से ही शुरु हुआ बवाल
मोहल्ला क्लिनिक पर शुरुआत से ही बवाल शुरु हो गया था। दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर मोहल्ला क्लिनिक खोलने के नाम पर भ्रष्टाचार फैलाने के भी आरोप लग चुके हैं। मोहल्ला क्लिनिक पर डॉक्टरों द्वारा मरीजों की फर्जी इंट्री करने जैसे आरोप लग रहे हैं। मोहल्ला क्लिनिक की ओर से दावा किया गया था कि वहां एक मिनट में दो मरीजों का ईलाज किया जाता है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मोहल्ला क्लिनिक को खोले जाने को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला दिया गया। हाईकोर्ट का आदेश है कि स्कूलों को कोई भी डिस्पेंसरी नहीं खोली जाएगी। दिल्ली नगर निगम ने फुटपाथ पर खोले गए मोहल्ला क्लिनिकों पर भी आपत्ति जताई थी। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि एमसीडी के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने भी अपनी जमीनों पर मोहल्ला क्लीनिक बनाने को लेकर आपत्ति उठाई है। डीडीए ने कहा है कि दिल्ली स्वास्थ्य विभाग उसकी मंजूरी लिए बगैर इस प्रोजेक्ट पर आगे नहीं बढ़ सकता है।

 

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Posted By: Prabha Punj Mishra