दोस्‍ती आपकी जिंदगी का वो पहला अहम रिश्‍ता है जो आप खुद बनाते और संवारते हैं और उसके बाद आपकी जिंदगी में सबसे अहम रिश्‍ता होता है प्‍यार का जिसे आपको संभलना होता है। दोनों ही आपके लिए बराबर महत्‍व रखते हैं ऐसे में दोनों के बीच का संतुलन बना रहे और आपके दोस्‍त और रिश्‍ते के बीच दरार ना आए उसके लिए कुछ बातों का ख्‍याल रखना जरूरी हैं।

समय का बटवारा सोच समझ कर करें
याद रखें प्यार आपकी जिंदगी में बाद में आया है और वो अभी आपको समझ रहा है पर आपके दोस्त आपको समझते हैं इसलिए अपने साथी के साथ वक्त ज्यादा बितायें खास कर तब जब वो आपका जीवनसाथी भी हो। कोशिश करें की पंद्रह दिन या महीने में एक गेटटुगेदर रखने का प्रयास करें और सारे दोस्तों को उनके पार्टनर सहित आने को कहें और खुद भी अपने साथी के साथ जायें। ऐसे में कोई उपेक्षित भी महसूस नहीं करेगा और आप समय भी साथ्ज्ञ में बिता लेंगे। इसके साथ ही आपके दोस्तों और आपके पार्टनर के बच भी एक कनेक्शन बन जायेगा।  
 
सीमाओं का रखें ख्याल

जीहां आप खुद भी ख्याल रखें कि हर रिश्ते की एक सीमा होती है और हर बात हरेक से शेयर नहीं की जाती और अपने दोसतों को भी समझायें कि आपकी जिंदगी में कोई और भी है जो उतना ही महत्वपूर्ण है इसलिए उसके साथ समय में अतिक्रमण ना करें। खास कर अगर आप शादीशुदा हैं और दोस्त अविवाहित तो ये तय करें कि वो वक्त बेवक्त आपके घर ना पहुंचे और ना ही हर समय फोन कराके आपको डिस्टर्ब ना करें। ये बात किसी भी पार्टनर को पसंद नहीं आयेगी और आपके एक  रिश्ते में प्राब्लम जरूर खड़ी हो जायेगी।
मौके को पहचाने
इस बात को अच्छी तरह याद रखें कि आपको सही मौके को पहचान कर काम करना है। जब आपके पार्टनर को आपकी जरूरत हो तो उस वक्त दोस्तों के साथ कार्यक्रम ना बनायें और जब आपके दोस्त परेशानी में हों तो उनके लिए समय निकालने को तैयार रहिए और उन्हें उपेक्षित ना महसूस होने दीजिए।
अगर आप पति हैं
अगर आप पति हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें पहला अपनी पत्नी को इस कदर इंगेज ना करें कि वो घुटन महसूस करने लगे उसे थोड़ा वक्त अपने दोस्तों के साथ बिताने का मौका दें। महिलाओं के इंज्वॉय करने के अपने तरीके होते हैं वो पति के साथ कई बार उन बातों को शेयर नहीं कर सकती जो सहेलियों की जा सकती हैं तो उनके स्पेस को बना रहेने दें। साथ ही अपनी पत्नी की सहेलियों से जरूरत से ज्यादा फ्री होने की कोशिश ना करें। ये शोभनीय नहीं लगता और आपकी विश्वसनीयता भी कम होती है, साथ ही आपकी छवि भी धूमिल होने का खतरा रहता है। पत्नी के पुरुष दोस्तों से मित्रता बढ़ायें हमेशा शक की निगाह से ना देखें और एक पारिवारिक मित्रता बनाने की कोशिश करें। 

अगर आप पत्नी हैं
सबसे पहले तो पति की हर महिला मित्र को अपनी सौत समझने की आदत बिलकुल छोड़ दें। अपवाद हर जगह होते हैं पर हमेशा विपरीत लिंग की दोस्ती को शक की निगाह से देखना ठीक नहीं, इससे आपके सम्मान में कमी आती है। पुरुषों के भी अपने कुछ निजी मजाक और इंज्वॉय करने के तरीके होते ळैं तो शादी के बाद हर समय पति को अपने से बांधे रखने का प्रयास ना करें और उन्हें अपने दोस्तों के साथ समय बिताने का अवसर दें। काम और जिम्मेदारी के बीच पति को कुछ वक्त सुकून से दोस्तों के साथ बिताने दें उसमें बाधा ना डालें।

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Posted By: Molly Seth