आज से करीब 110 साल पहले यानी कि 1 अक्‍टूबर 1906 को इस दुनिया में आए सचिन देव बर्मन एक बड़े संगीतकार के रूप में उभरे थे। हिंदी और बांग्ला फिल्मों में सक्रिय रहे सचिन देव बर्मन को मनोरंजन की दुनिया में एस डी बर्मन के नाम से भी जाना जाता रहा है। इन्‍होंने 14 हिंदी और 13 बांग्‍ला फिल्‍मों में अपना संगीत दिया है। लोकधुनों शास्त्रीय पाश्चात्य संगीत का मिश्रण करने वाले एस डी बर्मन ने अपने बेटे को भी इसी दुनिया में शामिल कर लिया था। आज पिता की तरह ही आरडी बर्मन भी मशहूर हो चुके हैं। ऐसे मेंआइए जानें इस विशेष दिन पर बर्मन परिवार की तरह और कौन से परिवारों ने सुरों की दुनिया में समां बाधी है...


लता मंगेशकर और आशा भोसले:संगीत की दुनिया में शामिल हुए परिवारों में एक लता मंगेशकर का परिवार है। भारत रत्न लता मंगेशकर ने तीस से अधिक भाषाओं में गाने गाए हैं। साठ के दशक में लता पार्श्वगायिकाओं की महारानी कही जाने लगी। ऐसे में उनकी तर्ज पर ही उनकी छोटी बहन आशा भोसले ने भी इसी दुनिया में अपना भविष्य तलाशा। इसके अलावा आशा भोसले के बेटे भी सुप्रसिद्ध संगीतकारों के रूप में मशहूर हुए।किशोर कुमार और अमित कुमार:
संगीतकार, कवि, लेखक, निर्देशक निर्माता, नायक, पटकथाकार किशोर दा के नाम से मशहूर हुए किशोर कुमार आज इस दुनिया में नहीं है। बावजूद इसके उनके संगीत से आज भी उनके होने का अहसास होता है। संगीतकार कुमार किशोर कुमार का परिवार भी बॉलीवुड के मशहूर सुरीले परिवारों में एक हैं। उनकी तरह ही उनके बेटे अमित कुमार भी संगीत की दुनिया में नाम कमा रहे हैं। फिल्म दूर का राही में "मैं एक पंछी मतवाला रे"आज भी लोगों रटा है।उदित नाराण और आदित्य नारायण:


बॉलीवुड के मशहूर सिंगर उदित नारायण का परिवार भी सुरीले परिवारों में एक हैं। 90 के दशक में उनका गाया गाना पहला नशा...काफी चर्चित हुआ था। इसके अलावा भी उनके कई गाने भी काफी फेमस हुए। उन्होंने अपनी तरह ही अपने बेटे को भी इस दुनिया में उतार दिया। उनका बेटा आदित्य नारायण भी आज बॉलीवुड का उभरता सिंगर साबित हो रहा है।

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Posted By: Shweta Mishra