जानें उन धार्मिक नेताओं के बारे में जिन्होंने राजनीति में भी कमाया नाम
साक्षी महाराज
59 साल के साक्षी महाराज लोकसभ एमपी हैं और ये उनका चौथा चरण है। ये सबसे पहले मथुरा से चुने गए थे। इसके बाद वो दो बार फरूखाबाद से चुने गए। ये लोथ कम्यूनिटी से बिलॉन्ग करते हैं और सबसे सशक्त ओबीसी लीडर के तौर पर जाने जाते हैं। 1999 में इन्होंने बीजेपी पार्टी छोड़ दी थी लेकिन फिर दोबारा इस पार्टी से जुड़ गए थे। साक्षी महाराज निर्मल पंचायती अखाड़ा के आर्चाय महामंडेलेशवर हैं।
स्वामी अग्निवेश
ये एक भारतीय पॉलिटिशियन हैं जो हरयाणा में लेजिस्लेटिव एसेंबली के मेंमबर थे। आर्य समाज के प्रचारक स्वामी अग्निवेश का 1980 बॉन्डेड लेबर में काफी अहम रोल था। तब ही वो लाइमलाइट में भी आए थे। संयुक्त राष्ट्र के लिए भी इन्होंने काम किया है और बाद में इनको वर्ल्ड काउंसिल ऑफ आर्य समाज का प्रेसीडेंट भी बना दिया गया था।
बदरुद्दीन अजमल
यह असम से संसद के सदस्य हैं। बदरुद्दीन अजमल ने एआईयूडीएफ ( ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ) पार्टी का गठन किया है और उसकी मदद से वो असम की राजनीति को अपने तरीके से चलाने का ख्वाब देख रहें हैं। दारुल उलूम देवबंद से इस्लामी धर्मशास्त्र में इन्होंने डिग्री हासिल कर रखी है। मौलाना अजमल अब प्रमुख और प्रभावशाली इस्लामी मदरसा दारुल उलूम की सलाहाकार समिति के मेंमबर हैं।