- डीएम ने टॉवर हटाने या फिर सीढ़ी काटने के लिए दिए हैं निर्देश

आगरा। मांगों को लेकर टॉवर पर चढ़ना, फिल्म शोले के वीरू की तरह कूदने की धमकी देना अब कलेक्ट्रेट में नहीं चलेगा। मंगलवार को टॉवर पर युवक के चढ़ने के बाद जिलाधिकारी ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। सिटी मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए हैं कि मोबाइल टावर से संबंधित कंपनी को यह स्पष्ट कर दिया जाए कि टॉवर पर चढ़ने वाली सीढ़ी को काट दिया जाए या फिर टॉवर को हटा दिया जाए।

नौकरी दिलाओ नहीं तो कूद जाऊंगा

कलेक्ट्रेट में 75 फीट ऊंचा मोबाइल नेटवर्क कंपनी का मोबाइल टॉवर लगा हुआ है। इसे मांग मनवाने का लोगों ने जरिया बना लिया है। पुलिस प्रशासन को दबाव में लेने के लिए लोग अक्सर उसपर चढ़कर कूदकर जान देने की धमकी देते हैं। मंगलवार को नौकरी और वेतन दिलाए जाने की मांग को लेकर बोदला निवासी सुभाषचंद्र मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया। भीषण गर्मी में एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, दो एसीएम और पुलिस के अधिकारी सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक उसे उतारे जाने की गुहार लगाते रहे। प्रशासन को डर था कि कहीं वह कूदकर जान न दे दे। इसी दबाव के चलते मौके पर प्रशासन ने उस कंपनी के मैनेजर को मौके पर बुलाया, जिसने उसे नौकरी दी थी। काफी मान-मनौव्वल के बाद ही वह नीचे उतरा। इस तरह मांग मनमाने का एक ट्रेंड सा चल पड़ा है।

ये तरीका नहीं है ठीक

डीएम एनजी रवि कुमार का कहना है कि अगर कोई समस्या है, तो उसे सीधे आकर बताया जा सकता है। सभी अधिकारी अपने कार्यालयों में सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बैठते हैं। इस बीच संबंधित अधिकारी को अपनी समस्या से अवगत कराया जा सकता है। लेकिन, सीधे समस्या बताने के लोग टॉवर पर चढ़कर कूदकर जान देने की धमकी देते हैं। ये व्यवहार ठीक नहीं है। भविष्य में इस तरह की घटना होती है, तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

Posted By: Inextlive