दूरसंचार नियामक ट्राई और टेलीकॉम कंपनियों के बीच अब आरपार की लडा़ई शुरू हो चुकी है। ऐसे में ट्राई कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए मोबाइल ऑपरेटरों के नाम बदनाम करने का प्‍लान कर रही है। इतना ही नहीं ट्राई ने सभी मोबाइल ऑपरेटरों से कॉल ड्रॉप पर हर्जाना चुकाने की चेतावनी दी है। जब कि टेलीकॉम कंपनियां किसी भी कीमत में हर्जाना देने को तैयार नही हैं।


एक रुपये का हर्जानादूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों के दबाव को एक बार फिर कल गुरूवार को खारिज कर दिया है। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा का कहना है कि मोबाइल सर्विस देने वाली कंपनियों को पहली जनवरी, 2016 से कॉल ड्रॉप देना ही होगा। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए खुद को तैयार करने को लेकर पक्के तौर पर कदम उठाना चाहिए।'यह वैध नियमन है। जिसके तहत नेटवर्क में समस्या के कारण हर कॉल ड्रॉप के लिए एक रुपये का हर्जाना ग्राहकों को देना होगा। यह हर्जाना अधिकतम तीन रुपया रोजाना होगा। यह सुविधा शुरूआती दौरान में अभी देश के कुछ ही हिस्सों में लागू होगी। इसके बाद धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू हो जाएगा।ट्राई की वेबसाइट पर शेयर
इस दौरान उनका कहना है कि इसकी जानकारी उपभोक्ताओं को एक वेबसाइट के जरिए दी जाएगी। इस साइट का लिंक ट्राई की वेबसाइट पर शेयर किया जाएगा। इसके साथ ही उनका कहना यह भी है कि टेलीकॉम कंपनियों को लेकर ट्राई ने यह भी फैसला लिया है कि अब वह खराब सेवा देने वाले मोबाइल ऑपरेटरों के नाम उजागर करेगी। इसके अलावा जिन इलाकों में यह समस्या सबसे अधिक है, उसके बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी। जिससे खराब सर्विस देने वाली टेलीकॉम कंपनियों के बारे में उपभेक्ता भी जान सकेंगे। ऐसे में अभी कंपनियों के पास वक्त है कि वे विरोध आदि करने के बजाय अपनी सर्विस बेहतर करने के लिए सार्थक कदम उठाएं।

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Posted By: Shweta Mishra