मेडिकल सेक्टर में भारत ने काफी तरक्की की है। अभी इससे काफी और भी उम्मीदें हैं। आने वाले समय में इस सेक्टर की सेहत में क्या आ सकता है सुधार और क्या होंगे बदलाव? ऐसे ही कई मुद्दों पर दुनिया के फेमस रोबोटिक सर्जन और कैंसर एक्सपर्ट डॉक्टर आशुतोष के। तिवारी के साथ बात की दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सीनियर न्यूज एडिटर महेश शुक्ल ने।

आपके हिसाब से भारत में हेल्थकेयर सेक्टर की स्थिति फिलहाल कैसी है?

भारत ने मेडिकल और हेल्थकेयर की फील्ड में काफी तरक्की की है। यह लगातार मेडिसिन के विभिन्न क्षेत्रों में खुद को बेहतर कर रहा है। यह खुद को लगातार इस क्षेत्र में नए-नए प्रयोगों के जरिए मजबूत कर रहा है। भारत विभिन्न बीमारियों से लडऩे के लिए लगातार प्रयास करता रहा है और नई टेक्नालॉजी डेवलप करके खुद को इस क्षेत्र में मजबूत करता रहा है। पिछले एक दशक के समय में यहां पर हेल्थकेयर क्षेत्र में जो भी तरक्की हुई है, वह काफी प्रेरणादायक है।

 

आप रोबोटिक सर्जरी के स्पेशलिस्ट हैं। मेडिकल सिनैरियो में रोबोटिक सर्जरी को लेकर आप क्या सोचते हैं?

मैंने 17 साल पहले रोबोटिक सर्जरी करना शुरू किया था। तब से अब तक इसमें नई टेक्निक्स सामने आई हैं। यह एक डॉक्टर के नजरिए से काफी सैटिस्फाइंग एक्सपीरिएंस रहा है। डॉक्टर को इसमें सर्जरी के दौरान बेहतर विजन भी मिलता है। पेशेंट्स के लिए भी यह काफी सुखद अनुभव की तरह है। रोबोटिक सर्जरी में ब्लीडिंग कम होती है। पेशेंट को दर्द भी कम होता है। काम्प्लीकेशंस के चांसेज भी कम हो जाते हैं। अब अधिकतर बड़े शहरों में रोबोटिक सर्जरी होने लगी है और आने वाले समय में यह और कॉमन होगी।

 

 

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आप कैंसर के एक्सपर्ट हैं। भारत हर साल कैंसर पेशेंट्स बढ़ रहे है। देश में जानलेवा बीमारियों के लिए हेल्थ सेक्टर की तैयारियां किस लेवल पर हैं?

हां, यह बिल्कुल सही है कि इंडिया में हर साल कैंसर पेशेंट्स की तादाद बढ़ती ही जा रही है। एक आंकड़े के मुताबिक, हर साल करीब 10 लाख लोगों को कैंसर डायग्नोस किया जा रहा है। दुर्भाग्य से इनमें से आधे लोगों का सही समय से सही इलाज न मिल पाने के कारण बचाना मुश्किल होता है। हमें कैंसर के इलाज और डायग्नोसिस पर फोकस करने की जरूरत है और इंडिया के साथ अच्छी बात यह है कि वह जिस बात पर फोकस करता है, उसका हल खोज लेता है। हमें कैंसर के लिए अपने रिर्सोसेज और तकनीक को एक साथ लाना होगा। जैसा हमने कार्डियक बीमारियों के लिए किया। हमने कार्डियक बीमारियों पर बड़ी हद तक कंट्रोल भी किया है। अब कैंसर पर पूरी तरह से फोकस करने का समय है। यह फोकस सभी की तरफ से होना चाहिए, पेशेंट्स, डाक्टर्स, कारपोरेट्स और सरकार। ऐसा नहीं होगा तो कैंसर से होने वाला दर्द और तकलीफ कम करना आसान नहीं होगा।

 

डिजिटाइजेशन से भारत का हेल्थ सेक्टर कैसे बेटर होगा?

डिजिटाइजेशन का फायदा लिया जा सकता है। टेलीमानिटरिंग, टेलीहेल्प, बीमारियों की डाइग्नोसिस, मेडिकल नालेज के आदान-प्रदान से भारत में डिजिटाइजेशन के जरिए हेल्थकेयर को बेहतर किया जा सकता है।

 

आने वाले समय में आप इंडिया के हेल्थकेयर को कैसे आंकते हैं?

मैं हमेशा उम्मीद रखता हूं और बेहतर पहलू को ही देख रहा हूं। हर देश और हर रीजन के अपने इश्यू होते हैं, लेकिन मैं एक बात अच्छी तरह से जानता हूं कि इंडिया के लोगों के पास बुद्धिमता और मेधा बहुत है और वह इसके लिए जरिए अपने लिए हल खोज सकते हैं।

 

डॉ. आशुतोष के. तिवारी - वर्ल्ड फेमस रोबोटिक सर्जन व कैंसर एक्सपर्ट माउंट सिनाई हॉस्पिटल, न्यूयॉर्क

डॉक्टर आशुतोष Icahn School of Medicine में यूरोलॉजी के चेयरमैन हैं। इन्हें दुनिया के बेस्ट रोबोटिक सर्जन्स में गिना जाना जाता है। यूरिनरी व प्रोस्टेट कैंसर के ट्रीटमेंट में रोबोटिक सर्जरी और हाई एंड टेक्नोलॉजी का यूज करने की शुरुआत का श्रेय डॉक्टर आशुतोष को ही जाता है।

Posted By: Chandramohan Mishra