भारत से गए इस बंदे की मौत पर पूरा पाकिस्तान रोया, जानें क्यों
गरीबों को अर्पित किया जीवन
मानवता और गरीबों की सेवा के लिए अब्दुल ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वह पाकिस्तान के नामी सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने करीब 25 साल पहले ईदी फाउंडेशन नाम की एक चैरीटेबल संस्थान की भी स्थापना की थी। इस संस्थान में बेघर, परित्यक्त, सड़क पर रहने वाले बच्चों एवं बुजुर्गों को रखा जाता था। स फाउंडेशन के वो अध्यक्ष थे।
नोबेल पुरस्कार के दावेदार
समाजसेवी अब्दुल सत्तार ईदी कई बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए गए थे। यहां तक की इस साल भी उनको नोबेल पुरस्कार की सूची में शामिल किया गया था। गौरतलब है कि ईदी को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका था।