डेढ़- डेढ़ लाख रुपए खर्च करके बनवाए थे लाइसेंस
-फर्जी लाइसेंस प्रकरण में घोषीपुरवा के दो व्यक्ति अरेस्ट
-राइफल और पिस्टल बरामद, मुकदमा दर्ज करके भेजे गए जेल GORAKHPUR: शहर में फर्जी आर्म्स लाइसेंस के मामले में रोजाना नए- नए मामले सामने आ रहे हैं। कूट रचित दस्तावेज के सहारे राइफल और पिस्टल खरीदने वाले दो लोगों को चिलुआताल पुलिस ने अरेस्ट किया। उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एएसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने बताया कि इस प्रकरण में जांच जारी रहेगी। अभी तक कुल 24 लोगों को अरेस्ट करके पुलिस जेल भेज चुकी है। भौकाल बढ़ाने को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए किए थे खर्चफर्जी लाइसेंस प्रकरण की जांच में एसआईटी को जानकारी मिली कि चिलुआताल एरिया के नकहा नंबर दो, घोषीपुरवा मोहल्ला निवासी शाहिद और अशफाक ने फर्जी लाइसेंस पर असलहे खरीदे हैं। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस ने उनको पकड़ लिया। अशफाक के पास से एक राइफल, सात खोखे मिले। जबकि शाहिद के पास पिस्टल और तीन कारतूस बरामद हुए। दोनों ने पुलिस को बताया कि उन लोगों ने डेढ़- डेढ़ लाख रुपए में रवि गन हाउस से लाइसेंस बनवाया था।
जारी रहेगी जांच, सामने आएंगे कई अन्य के नामफर्जी लाइसेंस प्रकरण में जांच जारी रहेगी। एसआईटी की तरफ से इस प्रकरण में उन सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जिनसे फर्जी तरीके से लाइसेंस बनने के मामले सामने आए थे। 18 साल के भीतर जिले में तैनाती के दौरान शस्त्र लाइसेंस का प्रभार देखने वाले प्रशासनिक अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। माना जा रहा है कि करीब तीन सौ लोगों ने लाइसेंस बनवाया था। इनमें महज 24 लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं। पुलिस कार्रवाई के डर से तमाम लोगों ने अपने लाइसेंस फेंक दिए। असलहों को नदी, तालाब या अन्य जगहों पर छिपा दिया।
फर्जी लाइसेंस प्रकरण में जांच चल रही थी। इस मामले में दो अभियुक्तों को अरेस्ट किया गया है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की गई। दोनों के पास से फर्जी लाइसेंस पर खरीदे गए असलहे बरामद हुए। रोहन प्रमोद बोत्रे, एएसपी-सीओ कैंट