हैदराबाद में सीरियल ब्लास्ट
शाम सात से सवा सात बजे के बीच हुए इन सीरियल ब्लास्ट्स में 14 लोगों की मौत हो गई और करीब 119 से ज्यादा लोग घायल हो गए. फिलहाल किसी भी टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन ने इसकी रेस्पांसबिलिटी नहीं ली है.
ब्लास्ट के तरीकों से शक की सुई एक बार फिर इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर इशारा करती है. 100 मीटर के दायरे में ब्लास्ट हैदराबाद में गुरुवार को दो सीरियल ब्लास्ट्स से सनसनी फैल गई. ब्लास्ट्स हैदराबाद के दिलसुख नगर इलाके में हुए.
ये दोनों ही ब्लास्ट करीब 7 बजे के आसपास हुए. एनआईए और सीएफएसएल की टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इसके अलावा एनआईए केआईजीए एनएसजी की पोस्ट ब्लास्ट टीम और आईबी के ऑफिसर भी हैदराबाद जाएंगे.
शिंदे पहुंचे हैदराबाद
हैदराबाद के भीड़-भाड़ वाले इलाके में गुरुवार को हुए दो बम धमाकों के बाद शुक्रवार सुबह होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे हैदराबाद में दिलसुख नगर गए. उन्होंने इन धमाकों की निंदा की है. उन्होंने इन धमाकों में अब तक 14 लोगों के मारे जाने और 119 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है.
इनमें से छह की हालत नाजुक बताई जा रही है. शिंदे ने अस्पताल जाकर घायलों की हालत का जायजा लिया और उनसे बात भी की. शिंदे के मुताबिक धमाकों से पहले जो अलर्ट जारी किया गया था वह नॉर्मल अलर्ट था और इसकी बहुत ज्यादा जानकारी खुफिया विभाग को नहीं थी. इस संबंध में आज वह दोनों सदनों में बयान देंगे।
होम मिनिस्टर सुशील शिंदे की मानें तो उनके पास इस ब्लास्ट की इंटेलीजेंस इंफॉर्मेशन दो दिन पहले से थी और उन्होंने अलर्ट डिक्लेयर कर दिया था. शिंदे के इस स्टेटमेंट के बाद एक बार फिर सिक्योरिटी एजेंसीज की लापरवाही सामने आ जाती है.
इसके अलावा कुछ दिनों पहले बिहार से आईएम के एक ऑपरेटिव को अरेस्ट किया गया था तो उसने इंटैरोगेशन में यह बात कबूली थी. उसने एजेंसीज को बताया था कि देश में कई हिस्सों पर अटैक्स की साजिश रची जा रही है.
टिफिन बॉक्स में थे बम
हैदराबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट्स के बाद यहां आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले दूसरे टेस्ट मैच पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. 22 फरवरी से चेन्नई में शुरू हो रही 4 मैचों की टेस्ट सिरीज का दूसरा मैच हैदराबाद में 2 मार्च से होना है. हैदराबाद को यह मैच कानपुर से ट्रांसफर करके दिया गया था. हालांकि अब तक इस पर बीसीसीआई की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है.
लोकल लोगों पर भी शकहैदराबाद में सीरियल बम ब्लास्ट में पुलिस को लोकल टेररिस्ट्स ग्रुप्स पर भी शक है, जिनकी एक्टिविटी इन इलाकों में काफी रही है. सोर्सेज के मुताबिक, ब्लास्ट की मोडस ऑपरेंडी 5 साल पहले लुंबिनी पार्क और गोकुल चाट अटैक्स से काफी मिलती जुलती है.वहीं पुलिस ने भी पुष्टि की है कि इस एरिया में ऐसे असंतुष्ट लोगों की काफी संख्या है, जो इस कारनामे को अंजाम दे सकते हैं. बताया जा रहा है कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट के बाद इस इलाके में भारी हंगामा हुआ था, जिसमें हरकत उल जेहादी इस्लामी का नाम सामने आया था.