CHAIBASA : जच्चा-बच्चा का मृत्यु न हो इसके लिए सरकार की ओर से स्वस्थ्य के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने गांव से लेकर शहर तक स्वास्थ्य कर्मियों का जाल बिछा रखी है। बावजूद भी शिशु मृत्यु दर को रोकने में विभाग नाकाम साबित हो रहा है। क्8 मार्च को भी एक महिला ने मृत बच्चा को जन्म दिया। झींकपानी प्रखंड अंतर्गत दलकी गांव निवासी सूरजमनी खंडाइत को जब प्रसव पीड़ा हुआ तो उसे बुधवार को अपराह्न लगभग ख् बजे सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया। रात लगभग क्क् बजे सूरजमनी का प्रसव हुआ, लेकिन बच्चा मृत पाया गया। चिकित्सक नीरू मिश्रा ने बताया कि गर्भवस्था के दौरान सूरजमनी का किसी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई गई थी इसके कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही देखी जा रही है। जननी स्वास्थ्य अभियान के तहत गर्भवती महिला की देखरेख के लिए ग्रामीण क्षेत्र के सहिया को क्भ्0 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। तो आप सोच सकते हैं कि गर्भवती महिलाओं को देखभाल करने के लिए सहिया कितने गंभीर है। क्7 मार्च को भी सदर प्रखंड अंतर्गत बड़बिल गांव निवासी जाम्बी पुरती का एक प्राइवेट वाहन में ही प्रसव हुआ और बच्चा मृत पाया गया। इस प्रकार से दो दिन के अंदर दो नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है।

क्या-क्या हैं परेशानियां

-सदर अस्पताल में पिछले एक म् माह से अल्ट्रासाउंड मशीन खराब पड़ी है। इसके कारण बाहर से आईं गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासोनोग्राफी नहीं की जाती है। अस्पताल में एक छोटा अल्ट्रासाउंड मशीन है इसमें सिर्फ अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासोनोग्राफी की जाती है।

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ममता वाहन चालक संघ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले क्भ् मार्च से हड़ताल पर चले गये हैं। इसके कारण गर्भवती महिलाओं को अस्पताल लाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए लाभुकों को मोटी रकम देकर प्राइवेट वाहन व्यवस्था करना पड़ रहा है। साथ ही प्राइवेट वाहन समय पर भी नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण भी गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचने में विलंब हो रहा है।

Posted By: Inextlive