सरकार ने बजट में शहर के नौकरी पेशा लोगों को इनकम टैक्‍स स्‍लैब में कोई राहत नहीं दी है। जैसा कि वित्‍तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण के शुरुआत में ही बता दिया कि बजट गांव खेती-किसानी और गरीब लोगों को समर्पित है। इसके तुरंत बाद वित्‍तमंत्री ने बजट में किसानों की आय दोगुनी करने की मंशा जताई। कृषि के लिए पिटारे खोलने के बाद वित्‍तमंत्री ने गरीबों के लिए एक बड़ी महत्‍वकांक्षी योजना की घोषणा कर डाली। उन्‍होंने दुनिया में सबसे बड़ी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस स्‍कीम का ऐलान किया। कहा कि अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस चिकित्‍सा सुविधा मिलेगी। इस सरकार का 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले का अंतिम पूर्ण बजट है।


शिक्षा के लिए एजुकेशन सेस और सामाजिक सुरक्षा के लिए सोशल वेलफेयर सरचार्जसरकार ने गरीबों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए 10 फीसदी सोशल वेलफेयर सरचार्ज लगाने की घोषणा की है। सरकार इस धन का उपयोग देश के गरीबों की सामाजिक हालत में सुधार वाली योजनाओं पर खर्च करेगी। साथ ही सरकार ने एजुकेशन सेस 3 फीसदी से बढ़ा कर 4 फीसदी कर दिया है। यह खर्च शिक्षा व्यवस्था सुधारने में किया जाएगा। जैसा कि बजट भाषण में वित्तमंत्री ने संसद में अपने पांचवें बजट भषाण में कहा कि सरकार नर्सरी से 12वीं तक की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कटिबद्ध है।लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों पर सरकार मेहरबान


वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों पर टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटा कर 25 प्रतिशत कर दिया है। बशर्ते उनका सालाना टर्नओवर 250 करोड़ रुपये तक का हो। रोजगार के मुद्दे पर किरकिरी झेल रही सरकार को उम्मीद है कि इससे रोजगार सृजन होगा और लोगों को काम के और मौके मिलेंगे। संगठित क्षेत्र में रोजगार का बड़ा हिस्सा लघु, मध्यम और कुटीर उद्योगों का ही है। यही वजह है कि सरकार इस सेक्टर को राहत देकर जीएसटी और नोटबंदी का असर कुछ कम करना चाहती है।

स्टैंडर्ड डिडक्शन से थोड़ी राहत लेकिन लांग टर्म पर टैक्स लगाकर छीनासरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन 40 हजार रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन की अनुमति देकर राहत के नाम का झुनझुना जरूर पकड़ा दिया है। इसका फायदा करीब 2.5 करोड़ कर्मचारियों को मिलेगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च पर यह छूट प्राप्त कर सकते हैं। सरकार ने इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड के लांग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी टैक्स लगा दिया है। यह टैक्स 1 लाख रुपये से अधिक पर देय होगा।वरिष्ट नागरिकों की बल्ले-बल्ले, ईलाज और ब्याज पर टैक्स की राहतसीनियर सिटीजंस पर सरकार ने मेहरबानी दिखाई है। अब वे एफडी बचत पर मिलने वाली 50 हजार रुपये की ब्याज की रकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। पहले उन्हें सिर्फ 10 हजार के ब्याज पर ही छूट मिलती थी। साथ ही उन्हें गंभीर बीमारियों पर होने वाले खर्च की सीमा बढ़ा कर 1 लाख रुपये कर दी है। अब उन्हें इतनी राशि तक के ट्रीटमेंट खर्च पर राहत मिलेगी।आयातित मोबाइल महंगा लेकिन काजू सस्ता

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मोबाइल फोन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। लेकिन साथ ही कच्चे काजू पर कस्टम ड्यूटी घटा दी है। इसके जरिए सरकार मेक इन इंडिया पर जोर देकर रोजगार उत्पन्न करना चाहती है। कच्चा काजू आयात करके भारत में इसे प्रोसेस करने और पैंकिंग से रोजगार बढ़ेगा। इसके साथ ही मोबाइल कंपनियों को सस्ता मोबाइल बेचना होगा तो उन्हें देश में ही फैक्टरी लगानी होगी। एक तीर से सरकार ने दो निशाने लगा लिए हैं।खेती-किसानी पर मेहरबान सरकार, ग्रामीण विकास पर जोरजैसा कि वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही बजट को गरीबों और किसानों को समर्पित बता दिया। सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन की घोषणा की। साथ ही कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना चाहती है। अभी सरकार खरीफ फसलों पर डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर मछुआरों और पशुपालकों के लिए भी क्रेडिट कार्ड देने की योजना बनाई है। छोटे और सीमांत किसानों के लिए सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपये में कृषि बाजार विकसित करने की बात कही है।10 करोड़ परिवारों को 5 लाख की कैशलेस चिकित्सा सुविधा
मोदी सरकार ने बजट में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा स्कीम की घोषणा की। सरकार इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक के कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगी। नये वित्त वर्ष में 24 नये मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। साथ ही टीबी के मरीजों के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है। सरकार ने सरकारी क्षेत्र की तीन बड़ी इंश्योरेंस कंपनियों को मर्ज करके एक बनाने की भी घोषणा की है। 50 करोड़ लोगों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना इस सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इस योजना से सरकार यह जताने की कोशिश कर रही है कि वह गरीबों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सरकार सोशल सिक्योरिटी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाकर 1.38 लाख करोड़ रुपये करेगी।नई महिला कर्मचारियों को मिलेगी ज्यादा टेकहोम सैलरीसरकार ने नई महिला कर्मचारियों के पीएम योगदान घटा कर 8 फीसदी करने की बात कही है ताकि उनकी टेकहोम सैलरी में ईजाफा हो सके। हालांकि इससे उनके नियोक्ता की ओर से होने वाले अंशदान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। नियोक्ता पहले की तरह ईपीएफ में 12 प्रतिशत अंशदान करते रहेंगे। महिलाओं को यह सुविधा तीन साल के लिए दी जाएगी।जमीन से हवा तक परिवहन जाल बिछाने की तैयारी
सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में नेशनल हाईवे में 9 हजार किमी की बढ़ोतरी करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही सरकार रेलवे को दुरुस्त करने वाली योजनाओं के लिए 1.48 लाख रुपये का आवंटन किया है। सरकार रीजनल एयर कनेक्टीविटी स्कीम के तहत प्रयोग में न आने वाले 56 हवाई अड्डों और 31 हेलीपैडों को आपस में जोड़ेगी। सरकार की योजना है कि हवाई अड्डों की क्षमता में पांच गुना तक बढ़ोतरी की जाए।राष्ट्रपति की सैलरी बढ़कर 5 लाख रुपये महीना, सांसदों की हर पांच साल पर खुद बढ़ेगीबजट में राष्ट्रपति की सैलरी बढ़कर 5 लाख रुपये कर दी गई है। उपराष्ट्रपति की 4 लाख रुपये और राज्पालों की सैलरी 3.5 लाख रुपये कर दी गई है। सांसदों की सैलरी के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। इसके तहत महंगाई के हिसाब से उनकी सैलरी हर पांच साल पर खुद-ब-खुद रिवाईज हो जाया करेगी। इसके लिए अलग संसद में कोई अलग से व्यवस्था की जरूरत नहीं होगी।दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की कवायदवित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विशेष प्रवधान करेगी। केंद्र सरकार हरियाणा, पंजाब, यूपी और दिल्ली सरकारों के साथ मिलकर ऐसी मशीनों पर सब्सिडी का इंतजाम करेगी जिससे फसलों के अवशिष्ट को ठिकाने लगाने का काम होता है।मुद्रा से बढ़ेगा रोजगार, टेक्सटाइल पर भी जोरजीएटी और नोटबंदी की मार झेलने के बाद सरकार मुद्रा योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये का लोन देगी। सरकार इस योजना के तहत रोजगार के मौके पैदा करना चाहती है। सरकार ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार को 50 लाख करोड़ रुपये की दरकार है। रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता जताई है। सरकार ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 7,140 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।7.2 से 7.5 फीसदी के बीच रहेगी विकास दरपीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने अर्थव्यवस्था में सुधार किया है। आने वाले टाम में देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिनी जाएगी। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आज भारत 2.5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन गया है। इस समय भारत दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान विकास दर 7.2 से 7.5 फीसदी के बीच रहेगी। सब ठीक ठाक चलता रहा तो हम 8 फीसदी की विकास दर जल्दी ही प्राप्त कर लेंगे।कृषि उत्पाद फर्मों पर 100 प्रतिशत टैक्स छूटजिन कृषि उत्पाद फर्मों का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये तक है तो उस पर सरकार ने 100 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। सरकार 3 करोड़ महिलाओं को फ्री एलपीजी कनेक्श और देगी। साथ ही सरकार 4 करोड़ गरीब घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन भी देगी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh