शासन का आया फरमान, कमिश्नर ने दिया एक सप्ताह का समय

नगर निगम को बनानी होगी हरी-भरी के साथ व्यवस्था

ALLAHABAD: नगर निगम और हरी-भरी के बीच छिड़े युद्ध की वजह से शहर की हो रही ऐसी की तैसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाया है। नगर निगम अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर ही सवाल उठाते हुए हरी-भरी से ही शहर में सफाई व्यवस्था का काम कराने का आदेश दिया है। गुरुवार की रात कमिश्नर के कैंप कार्यालय में अधिकारियों के साथ मिटिंग में तय हुआ कि शहर की सफाई व्यवस्था हरी-भरी ही संभालेगी और नगर निगम प्रशासन को पूरा सहयोग करना पड़ेगा।

एक सप्ताह में बनाएं कार्ययोजना

बता दें कि नगर आयुक्त शेषमणि पांडेय ने हरी-भरी के कार्य पर सवाल उठाते हुए 26 करोड़ का जुर्माना लगाया था। नगर निगम सदन ने हरी-भरी का एग्रीमेंट कैंसिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन ने सभी प्रस्तावों को खारिज करने की मंशा जताते हुए हरी-भरी से ही शहर की सफाई कराने का आदेश दे दिया है। शासन के आदेश पर ही गुरुवार को कमिश्नर डा। आशीष गोयल की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें डीएम संजय कुमार, मेयर अभिलाषा गुप्ता, एडीए वीसी देवेंद्र कुमार पांडेय, नगर आयुक्त शेषमणि पांडेय मौजूद रहे। इसमें नगर निगम को आदेश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर हरी-भरी के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर पूरे मामले का निस्तारण करें।

लड़ाई ने शहर का किया बेड़ा गर्क

नगर निगम और हरी-भरी के बीच चल रही लड़ाई ने पूरे शहर की ऐसी-तैसी कर दी है। लड़ाई और खींचातानी का ही परिणाम है कि पिछले वर्ष क्लीन सिटी सर्वे में टॉप मूवर्स सिटी में शामिल इलाहाबाद 2017 के सर्वे में 247 वें स्थान पर चला गया। केंद्र सरकार ने क्लीन सिटी सर्वे जनवरी 2017 में कराया था। शहर में सफाई व्यवस्था अगस्त 2016 से ही आलमोस्ट ठप है। नवंबर 2016 से बसवार स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजेंट संचालन का काम करीब-करीब ठप है। न कूड़े का निस्तारण हो रहा है और न ही कूड़े से खाद बनायी जा रही है। शहर से पर डे करीब 600 मीट्रिक टन निकलने वाला कचरा बसवार प्लांट में डंप हो रहा है। जिसकी वजह से करीब 67 एकड़ एरिया में फैले प्लांट की करीब 50 एकड़ जमीन कचरे से भर गई है।

यमुना किनारे पहुंचा कचरे का ढेर

नगर निगम कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बसवार प्लांट की स्थिति काफी खराब हो गई है। लगातार हो रही डंपिंग से कचरे का ढेर बसवार प्लांट के किनारे यमुना नदी तक पहुंच गया है। कचरे के ढेर और यमुना नदी के जलस्तर तक 100 से डेढ़ सौ फीट की दूरी ही बची हुई है।

नगर निगम के अफसरों को आदेश दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर हरी-भरी के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर विवाद निस्तारित करें और शहर को साफ-सुथरा बनाने में पूरे जोश से लगें।

डॉ। आशीष गोयल

कमिश्नर

Posted By: Inextlive