Agra: क्रिकेट में कॅरियर बनाने वाले प्लेयर्स की पहली तमन्ना होती थी कि वे सचिन और सुनील गावस्कर बनकर देश के लिए खेलें लेकिन आज के प्लेयर्स का सपना बदल गया है. उनकी पहली प्रायोरिटी मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीमों की जर्सी पहनकर मैदान में उतरने की है. इसकी सबसे बड़ी वजह है आईपीएल में कम से कम टाइम में ज्यादा से ज्यादा शोहरत और पैसा मिलना.

Money और Fame कर रहा Attract
आईपीएल की शुरुआत 14 मई 2008 में हुई थी। ये पहला मौका था जब प्लेयर्स को बोली लगाकर खरीदा गया था। इस दौरान लाखों से शुरू होकर करोड़ों रुपए एक प्लेयर की झोली में आए। इसके चलते फटाफट क्रिकेट से ग्लैमरस शो ने अपकमिंग क्रिकेटर्स का नजरिया बदल दिया है।  
Slection System भी जिम्मेदार
एकलव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में प्रैक्टिस करने वाले अंडर 12, 14, 16 और 19 के प्लेयर्स से पूछा गया तो सभी ने अपने-अपने तर्क देते हुए आईपीएल को ही अपनी पहली प्रायोरिटी बताया। इसके लिए कुछ प्लेयर्स का तर्क था कि इंडियन टीम के लिए सिलेक्शन इतना टफ है कि  प्लेयर की एज क्रॉस हो जाती है, लेकिन टीम में आना मुश्किल है। इसके अलावा एक प्लेयर ने यूपी में सिलेक्शन प्रोसीजर खराब बताते हुए कहा कि इसके चलते सिटी ही नहीं पूरे यूपी के अधिकतर प्लेयर्स प्रैक्टिस यहां करते हैं और खेलते अदर स्टेट्स से हैं।
यहां पैसा है
स्कूल नेशनल क्रिकेट में बेहतरीन परफॉर्मेंस करने वाले प्रमोद कुमार यूपी कैंप की तैयारी कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि आपका टारगेट क्या है। तो उन्होंने थोड़ा सोचते हुए आईपीएल का नाम लिया। इंडियन टीम के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि आईपीएल में ज्यादा पैसा मिलता है।
मिल जाता है जल्दी चांस
अंडर 16 प्लेयर सानू कुरैशी यूपी से न खेलकर राजस्थान की ओर से खेलते हैं। अदर स्टेट से खेलने की बात पूछने पर वह थोड़ा गंभीर मुद्रा में आ गए। कहा कि यूपी में सिलेक्शन प्रोसीजर बहुत खराब है। यहां से खेलने पर दिलीप ट्रॉफी तो दूर रणजी ट्रॉफी में भी चांस नहीं मिलता। ऐसे में आईपीएल ही इकलौता प्लेटफॉर्म है जहां बहुत जल्दी चांस मिल जाता है।
बहुत जल्दी हो जाते हैं फेमस
मात्र 13 साल के सिद्धार्थ पुंडीर अंडर 14 एज में सिटी के उभरते हुए क्रिकेट हैं। जनवरी में उन्होंने स्कूली नेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट में बेस्ट परफॉर्मेंस दी। आईपीएल या इंडियन टीम चूज करने पर उनकी राय मांगी गई तो मुस्कुराते हुए झट से बोले कि आईपीएल। ऐसा क्यू? पूछने पर बोले कि आईपीएल प्लेयर्स को जितनी फेम मिलती है उतनी फेम अब इंडियन प्लेयर्स को नहीं मिलती है।

आईपीएल के बाद इंडियन टीम
 जयवीर चाहर अंडर 14 का क्रिकेटर है। क्रिकेट के लिए उसमें इतना जुनून है कि वह 20 किमी से डेली स्टेडियम में प्रैक्टिस करने आता है। हालांकि उसे अभी तक कोई बड़ा प्लेटफॉर्म नहीं मिला है। सचिन तेंदुलकर को आइडियल मानने वाले जयवीर के लिए पहली प्रायोरिटी आईपीएल है। इस पर अपना तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि यदि वे इंडियन टीम के ट्राई करें तो उनके टीम में आने चांस बहुत कम हैं, लेकिन आईपीएल में सिलेक्ट होने के बाद इंडियन टीम में आसानी से पहुंच सकते हैं।

स्टार सिर्फ आईएल के
आईपीएल में ऐसे क्रिकेट्र्स की कमी नहीं है। जिन्होंने इंडियन टीम में जाने से पहले आईपीएल को ही अपना सपना बनाया था। इनमें से कुछ क्रिकेटर तो ऐसे भी है। जो दिलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी तक ही सीमित थे। लेकिन आईपीएल में पहुंचने के बाद स्टार क्रिकेटर की श्रेणी में पहुंच गए हैैं। ऐसे ही कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलने वाले मानवेदर बिस्ला और प्रदीप संगवान, किंग्स इलेविन पंजाब के परवेंदर अवाना और पॉल वेलथे, राजस्थान रॉयल के सिद्धार्थ त्रिवेदी सहित तमाम ऐसे प्लेयर है। जिन्होंने इंडियन टीम में पहुंचने से पहले आईपीएल में दस्तक दी।

इंडियन टीम में सिलेक्शन टफ है। केवल 11 प्लेयर्स की जगह होती है। आईपीएल में नौ टीम की वजह से 99 प्लेयर्स को खेलने का मौका मिलता है.आईपीएल से अच्छी लाइमलाइट और बड़ा पैसा मिल रहा है।
अयाज मेनन, क्रिकेट एक्सपर्ट

आईपीएल यंग प्लेयर्स के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म है। लेकिन आईपीएल से युवा प्लेयर्स टेस्ट टीम में जगह नहीं बना सकते।
रमन भनोट, आईपीएल कॉमनट्रेटर

Report By- Neeraj Sharma (sharma.neeraj@inextco.in)


Posted By: Inextlive