आगरा : खंदौली में छह साल पहले सर्राफ से लूट और होमगार्ड की हत्या में तीन अभियुक्तों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्तों को 2.39 लाख रुपये के अर्थ दंड से भी दंडित किया है।

घटना दो फरवरी 2016 की शाम की है। खंदौली कस्बा निवासी सर्राफ आनंद और उनके भाई नंदराम दुकान बंद करके घर लौटने की तैयारी कर रहे थे। शटर पर ताला लगाकर आनंद और नंदराम बाइक पर बैठने लगे। इसी दौरान बिना नंबर की बाइक पर सवार तीन बदमाश वहां पहुंचे। आनंद के हाथ से जेवरात का थैला छीनने लगे। विरोध करने पर बदमाशों ने आनंद को गोली मारकर घायल कर दिया।

फाय¨रग से बाजार में अफरातफरी मच गई। चीख-पुकार सुनकर होमगार्ड मुकेश मौके पर पहुंच गए। मुकेश ने बदमाशों का पीछा किया। भीड़ के साथ मिलकर बदमाशों की घेराबंदी कर ली। इस पर बदमाशों ने मुकेश की गोली मारकर हत्या कर दी। भीड़ ने मौके से बदमाश उमेश यादव, शेखर उर्फ चंदशेखर निवासी गांव कुठेरा थाना सिकंदराराऊ हाथरस को मय हथियार दबोच लिया था। उमेश का साथी बीटा उर्फ रंजीत यादव निवासी गांव सूरजपुर थाना रसूलपुर फीरोजाबाद मौके से भाग निकला था। होमगार्ड मुकेश के भाई धर्मेंद्र ने मुकदमा दर्ज कराया था।

पुलिस ने बाद में रंजीत को भी गिरफ्तार कर लिया। उससे हत्या में प्रयुक्त तमंचा बरामद करके जेल भेज दिया। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान 14 गवाह पेश हुए। अदालत ने विगत दिवस उमेश यादव, शेखर उर्फ चंद्रशेखर और रंजीत यादव को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

होमगार्ड की पत्नी बोली फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी

होमगार्ड मुकेश उपाध्याय की पत्नी राजकुमारी की पत्नी के आंखों के सामने दो फरवरी की शाम का दृश्य आज भी अमिट है। जब बदमाशों ने घेराबंदी करने पर उनके पति होमगार्ड मुकेश की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजकुमारी ने अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा मिलने पर संतोष जताया। हालांकि उनका कहना था कि अभियुक्तों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। लुटेरों ने उनका सुहाग उजाड़ दिया।

Posted By: Inextlive