आगरा: सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल की हत्या के प्रयास के चर्चित मामले के पांच आरोपी अदालत से बरी हो गए। आरोपियों को पुलिस द्वारा विवेचना में बरती गई लापरवाही और गवाहों के बयान में विरोधाभास का लाभ मिला।

गोली मारकर कर दिया था घायल

घटना 16 सितंबर 2012 की है। श्री सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल अपनी दुकान किनारी बाजार से एक्टिवा पर रात सवा नौ बजे घर अवागढ़ हाउस लौट रहे थे। एमजी रोड पर अंजना सिनेमा के पास बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया था। मामले में सर्राफा कमेटी के सचिव राजकुमार जैन ने हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जानलेवा हमले का पर्दाफाश करते हुए विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा निवासी सेब का बाजार कोतवाली, अमित उर्फ मोनू निवासी जगदीशपुरा, राहुल निवासी फतेहपुर सीकरी, नीरज चौरसिया निवासी नमक की मंडी, ब्रजेश शर्मा निवासी आवास विकास कालोनी सेक्टर चार को गिरफ्तार किया था। विवेचक ने मुकदमे के विचारण के दौरान घायल से आरोपियों की शिनाख्त नहीं कराई। बरामद हथियारों को जांच के लिए फारेंसिक लैब भी नहीं भेजा। विवेचक ने 32 बोर की रिवाल्वर से गोली चलना बताया था। जबकि बयान में अमित उर्फ मोनू से 315 बोर का तमंचा बरामद होना बताया। अदालत ने आदेश में कहा कि बदमाशों द्वारा चलाई गोली से आनंद अग्रवाल को प्राणघातक चोटें आईं। जिससे उनकी मृत्यु हो सकती थी। मगर, अक्षम एवं लचर विवेचना तथा संदिग्ध एवं विरोधाभासी बयानों के चलते घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह विफल रहा। अदालत ने पुलिस की लापरवाही एवं साक्ष्य के अभाव विरोधाभास पर सभी आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए।

अस्पताल में 97 दिन भर्ती रहे थे सर्राफ

गोली लगने के बाद सराफा कारोबारी को दिल्ली गेट स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से कुछ देर बाद ही उन्हें गुरुग्राम के अस्पताल रेफर कर दिया गया। आनंद अग्रवाल दिल्ली और गुरुग्राम के अस्पताल में 97 दिन भर्ती रहे थे।

Posted By: Inextlive