यमुनापार एरिया में आशीष शर्मा रहते हैं. आज से कुछ दिन पहले तक उनके घर की दीवार में बनी अलमारी में आसाराम बापू का विशाल फोटो लगा था. जो उनका गुणगान महात्मा के रूप में कर रहा था. बापू के प्रवचन टीवी पर शुरू हुए नहीं कि पूरा घर सारा काम छोड़ टीवी से चिपक जाता था. आसाराम इस घर के लिए भगवान शिव और दुर्गा मां की तरह ही एक ईश्वर बने हुए थे. अब हालात जुदा हैं. जोधपुर की किशोरी के यौन उत्पीडऩ में नाम आने के बाद आसाराम आशीष और परिवारवालों के दिलों से उतर रहे हैं. अब कोई उनका नाम तक लेना पसंद नहीं करता है. आगरा में आसाराम के हजारों भक्त हैं. इनमें से सैकड़ों भक्त रेप की घटना के बाद उनसे विमुख हो रहे हैं. हालांकि अधिकतर भक्त आशीष की तरह खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं. उनको डर है कि बापू समर्थक कुछ बोलने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं.


सालों पहले जुड़े थे
एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मैनेजर की पोस्ट पर काम करने वाले 36 वर्षीय आशीष शर्मा आठ साल पहले आसाराम बापू से जुड़े। नेशनल हाइवे स्थित आसाराम आश्रम में सबसे पहला सत्संग अटेंड किया था। इसके बाद न जाने कितने सत्संग उन्होंने परिवार के साथ अटेंड किए उनको याद नहीं है। जोधपुर की नाबालिग लड़की के रेप में फंसने के बाद उनकी हकीकत से वह पूरी तरह टूट गए हैं.
पूजा भगवान की तरह
आशीष का कहना है कि वह अकेले ही नहीं  फैमिली में मदर भी आसाराम बापू को पहुंचा हुआ संत मानती थीं। शादी के बाद से ही वाइफ संत की फॉलोअर हो गयी थी। शर्माजी की पूरी फैमिली इस तरह से बापू से अटैच थी कि उनके प्रवचन के दौरान कही गयी प्रत्येक बात को अपनी लाइफ में फॉलो करती थी।
अब बच्चे भी बना रहे दूरी   
आशीष बताते हैैं कि बाबा के हम जैसे अनुयायी अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी उनके संत्संग में लेकर जाते थे। उनके आगे बाबा को एक दिव्य पुरुष की तरह महिमा मंडित करते थे। आशीष का चार साल का बेटा लोना भी बाबा को पहचानता है और उनके आश्रम में जाने की बात कहता है.  अब भक्त लोग अपने बच्चों पर बापू की छाया तक पडऩे न देने की बात कर रहे हैं। कहते हैं कि उनके बच्चे फ्यूचर में निश्चित ही आसाराम के बताए रास्ते पर ही चलते। लेकिन, दुष्कर्म के खुलासे के बाद अब बच्चों को इस संत के प्रभाव से दूर रखने का फैसला किया है। आशीष तो खुलकर कहते हैं कि संत पुरुष के चुनाव में उनसे भूल हुई है। मैं चाहूंगा कि मेरी जैसी भूल मेरा बेटा कतई नहीं करे.
ऋषि प्रसाद की जगह ली धार्मिक ग्रंथो ने
 चेहरे से नकाब उठने के बाद बड़े से बड़े व्यक्ति की क्या हालत होती है आसाराम बापू इसके उदाहरण हैं। जो भक्त पूजा पाठ में केवल आसाराम बापू के प्रवचन वाली मैगजीन 'ऋषि प्रसाद Ó ही पढ़ा करते थे अब वह छोड़ दी है। दूसरी धार्मिक पुस्तकें पढ़ रहे हैं.संत से विमुख हुए आशीष कहते हैं कि वो बापू का ही साहित्य पढ़ते थे। लेकिन, अब सुबह शिवपुराण और हनुमान चालीसा पढ़ते हैैं। अभी वह बाजार से पूजा सामिग्री लाकर अपने देवी-देवताओं के सामने धूप-बत्ती करते हैैं.  इससे पहले तक बापू की तस्वीर के आगे भी हाथ जोड़ते और धूपबत्ती भी लगाया करते थे।
बेरौनक  हुआ आश्रम
नाबालिग लड़की से रेप की घटना और उसके बाद के घटनाक्रम का असर बापू के आगरा स्थित आश्राम पर भी पड़ा है। यहां अब पहले की तरह रौनक नहीं दिखती। इस घटना से पहले शाम होते ही आगराइट्स आश्रम की ओर चल पड़ते थे। अब आश्रम का गेट अन्दर के सन्नाटे को झांकता दिख रहा है। आश्रम बापू की दयनीय सिचुएशन को बयां करने के लिए काफी है।
महिलाओं ने विरोध में फूंका पुतला
आसाराम बापू पर लगे आरोप से महिलाओं में गुस्सा पनप गया है। ट्यूजडे को यह गुस्सा सड़क  दिखा। सपा नेता पूनम के नेतृत्व में महिलाएं आसाराम बापू के विरोध में एकजुट हुईं। संत की सांकेतिक अर्थी को जुलूस के रूप लेकर दीवानी चौराहे पर पहुंची। यहां पर उस अर्थी को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आसाराम के विरोध में खूब नारेबाजी की। महिलाओं का कहना था कि इस तरह के दुष्कर्मी को संत कहलाने को कोई हक नहीं है। इनका सामाजिक रूप से बहिष्कार होना चाहिए। यहां तक कि सार्वजनिक फांसी देने की भी मांग तक कर डाली। विरोध प्रदर्शन में डॉ। बीना, संतोषी शुक्ला, सुनील चौहान, धर्मेश, रेनू यादव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
जैनाचार्य 108 विमर्श सागर जी महाराज
संत को हमेशा मर्यादा में रहना चाहिए। जिससे उन पर कोई आरोप न लगा सके। आसारामजी जैसे संत पर लगे आरोप अगर सही हैं, तो संत समाज के लिए कलंक है। साथ ही भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ है.
हरिहरि पुरी, महंत मनकामेश्वर मंदिर
आसाराम बापू पर नाबालिग लड़की  के रेप का जो आरोप हैैं अगर वो सही साबित होते हैैं तो संत समाज के लिए यह बेहद ही खेदपूर्ण है।
महेश गिरि, महंत कैलाश महादेव मंदिर 
आसाराम जी पर लोग विश्वास करते हैैं। अगर हकीकत में ऐसा किया है तो यह बहुत ही बुरा है। इन्हें इनके किए का दंड मिलना चाहिए। इससे श्रृद्धालुओं की भावनाएं भी आहत हुई हैैं.

 

 


 

Posted By: Inextlive