Agra: यूएफएम वायरस ने स्टूडेंट्स की परेशानियों को बढ़ा दिया है. डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी में अब तक बीएससी के करीब 1800 स्टूडेंट्स इस वायरस की चपेट में आए हैं. सभी ने अपनी कंप्लेन भी दर्ज कराई है. यूनिवर्सिटी पुरानी गलतियों को तो ठीक कर नहीं पा रही है इसके साथ नई-नई तरह की गलतियां और कर रहीं है. अब फिर से एक वादा कमियों को सुधारने का हुआ है.


BSC में 14 हजार से ज्यादा 2012 के बीएससी एग्जाम में 14 हजार से अधिक स्टूडेंट्स बैठे थे.  रिजल्ट आउट हुए करीब तीन महीने से अधिक हो गया है, लेकिन यूएफएम की कंप्लेन स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी में दर्ज कराई है। इन सभी स्टूडेंट्स की मार्कशीट्स में यूएफएम लिखकर आ गया है।क्या है UFM? यूएफएम में वो स्टूडेंट्स आते हैं जो स्टूडेंट्स नकल करते पकड़े जाते हैं। लेकिन जिन स्टूडेंट्स का नाम यूएफएम में आया है ये सभी वो स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने कोई नकल ही नहीं की। नहीं रुका टेक्नीकल फॉल्ट
यूनिवर्सिटी ने हर बार रिजल्ट को ठीक कराने के वादे किए। लेकिन टेक्निकल फॉल्ट नहीं रोक पाए। इस कारण से अब फिर से स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी में अपनी मार्कशीट्स को ठीक कराने के लिए चक्कर काटने पड़ेंगे। जब भी कोई स्टूडेंट अपनी यूएफएम की कंप्लेन लेकर यूनिवर्सिटी में आता है तो यूनिवर्सिटी की कर्मचारी और स्टूडेंट यूएफएम वायरस केस बोलकर कंप्लेन सेल का रास्ता दिखा देते हैं।यूएफएम के केस सामने आए हैं। ये भी सच है कि अधिकांश बीएससी के स्टूडेंंट्स हैं। स्टूडेंट्स की कंप्लेन नोट कर ली गई है। इसको ठीक कराने के आदेश भी दे दिए हैं।बीके पांडे, रजिस्ट्रार यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive