आगरा: करौली राजस्थान कैला देवी जाने वाली सड़कों पर इन दिनों दैवीय शक्ति और श्रद्धा का अनूठा नजारा देखना को मिल रहा है. बड़ी संख्या में भक्त पैदल कैला देवी दर्शन को जा रहे हैं. छोटे बच्चों का उत्साह चरम पर है. श्रद्धालुओं की आस्था के आगे सड़कें छोटी पड़ गई हैं. इनके खानपान के लिए रास्तों में जगह-जगह पड़ाव और भंडारे चल रहे हैं जिनमें संस्कृति के संवाहक ये भक्त लोकगीतों पर नृत्य कर अपनी दिनभर की थकान को दूर कर लेते हैं. फतेहपुर सीकरी तक श्रद्धालु की भीड़ के चलते हाईवे की एक लेन पर ही वाहन चल पा रहे हैं.

श्रद्धालुओं के लिए फ्री सुविधा
जिले के तमाम संगठन और समाज सेवी भी देवीभक्तों की सेवा में जुटे हुए हैं। आगरा से करौली तक रास्ते में यूं तो जगह भंडारे और पड़ाव हैं, लेकिन फतेहपुर सीकरी से आगे राजस्थान की सीमा से सटे गांव दाहिना मोड़ पर आगरा के श्रद्धालु पदयात्रियों के लिए श्री कैला मां पदयात्री सेवा के नाम से विशाल भंडारा चला रहे, जिसमें खान-पान और ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की गई है। यहां रात को 12 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे थे और विश्राम कर रहे थे। एक तरफ डीजे पर महिला-पुरुष और बच्चे देवी के भजनों पर नृत्य कर रहे थे। इस मोड़ के बाद दुर्गम रास्ता है। यहां विश्राम करने के बाद श्रद्धालु आगे की यात्रा के लिए निकलते हैं।

कैला देवी की मान्यता
राजस्थान के करौली जिले में स्थित कैलादेवी मंदिर की आगरा मंडल में बहुत मान्यता है। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु नवरात्र से पहले पदयात्रा पर निकलते हैं, जो प्रतिपदा के दिन पूजा-अर्चना करते हैं।


- दैवीय कृपा से 22 वर्ष से भंडारा चल रहा है। हम तो सेवक हैं, माता जो कराती हैं हम करते हैं। हमारा कुछ नहीं है, यह सब मन का भ्रम है। जनमानस की जितनी सेवा बनती है, हम करते हैं।
-हरेंद्र शर्मा, भंडारा आयोजक

- देवी की कृपा से रास्ते में कहीं कोई परेशानी नहीं होती है। सबको सबकुछ मिलता है। सबकी देवी मां सुनती हैं, मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
दीपक कुमार

- मैं हर वर्ष कैला देवी के दर्शन को जाता हूं। पिछले कई वर्षों से पैदल जा रहा हूं। सड़कों पर श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बनती है। मां के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचता है।
भोला पंडित

Posted By: Inextlive