आगरा। साइबर ठगी के मामले तेजी बढ़ रहे हैं। साल के शुरू होते ही जनवरी के महीने में ही 17 मामले सामने आए हैं। ज्यादातर मामले डेटा शेयरिंग के हैं। किसी न, किसी तरह से लोगों को लाभ देकर झांसे में लिया जा रहा है। अब साइबर क्रिमिनल बैंककर्मी बनकर लोन में सब्सिडी में दिलाने की बात कह रहे हैं। इतना ही शॉपिंग में गिफ्ट के नाम पर भी ठगी हो रही है। क्रिमिनल्स किसी तरह से ओटीपी हासिल कर चाह रहे हैं। इसके लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं।

एक मामला ऐसा भी

एनसीआर में रहकर साइबर ठग कई राज्यों के लोगों को अपना शिकार बनाने वाले थे, ठगों द्वारा सात हजार क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा खरीद लिया था। इनमें से कुछ को वे शिकार बना चुके हैं। जबकि अन्य से ठगी की तैयारी में थे। एसटीएफ और आगरा पुलिस ने सरगना समेत चार को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा बरामद कर लिया है। शातिरों के मोबाइल और लैपटॉप की भी पुलिस जांच कर रही है। खेरागढ़ क्षेत्र में एक क्रेडिट कार्ड धारक से ठगी के बाद पुलिस और एसटीएफ ने जांच शुरू की थी। इस मामले में एसटीएफ और पुलिस की टीम ने फरीदाबाद के सेक्टर 91 निवासी सौरभ भारद्वाज, फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कालोनी निवासी आस मोहम्मद उर्फ आशु, संगम विहार, नई दिल्ली निवासी लखन गुप्ता और शिवम गुप्ता को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया।

खाते से निकाले 70 लाख रुपये

शातिरों से पूछताछ में पता चला कि फरीदाबाद और दिल्ली के ये शातिर पांच वर्ष से ठगी का धंधा कर रहे थे। ये अभी तक वे पकड़ में नहीं आए थे। कॉल सेंटर में काम करने वाली मोनिका से 35 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से ये डाटा लेते थे। इसके बाद वे संबंधित क्रेडिट कार्ड धारक को कॉल करके जाल में फंसा लेते थे। क्रेडिट कार्ड एक्टिवेट करने का झांसा देकर वे उसकी डिटेल जानते थे। इसके बाद अपनी ई कॉमर्स कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर कर लेते थे। आस मोहम्मद उर्फ आशू की ई कामर्स कंपनी में 280 कार्ड धारकों के करीब 70 लाख रुपये पांच वर्ष में ट्रांसफर हुए। जबकि सौरभ भारद्वाज की ई कामर्स कंपनी में 144 क्रेडिट कार्ड धारकों के 30 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं।

साल भर में 252 शिकायतें

पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो साइबर सेल में 252 शिकायतें सामने आई हैं। इन ठगी की घटनाओं में चौबीस लाख रुपये अलग-अलग तरीके से पब्लिक के खाते से निकाले गए। जिसमें पंद्रह लाख रिकवर किए गए हैं। वहीं, जनवरी 2021 में 17 ठगी की शिकायतें सामने आईं, जिन से एक लाख से अधिक रुपए की ठगी की गई।

बड़े पैमाने पर डाटा शेयरिंग का खेल

दूर-दराज में रहने वाले शातिर लाखों रुपये खर्च कर डाटा खरीद रहे हैं। नोएडा एसटीएफ अधिकारी की जांच में सामने आया है कि लोकल स्तर पर बड़े पैमाने पर निजी कंपनी मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक का डाटा ले रही हैं। वहीं, साइबर हैकर्स इस डाटा पर नजर रखकर दूर-दराज के साइबर ठगों को सप्लाई कर रहे हैं।

लालच में आकर हो रहे ठगी का शिकार

साइबर ठग लॉटरी निकलने, खरीदारी पर गिफ्ट या फिर होम लोन में सब्सिडी के नाम पर साइबर ठग लोगों को कॉल कर रहे हैं। इसके लालच में आकर लोग अपनी पर्सनल डिटेल भी साइबर ठगों के साथ शेयर कर रहे हैं, जिसके चलते वह ठगी का शिकार हो रहे हैं। साइबर सेल प्रभारी सुल्तान सिंह ने बताया कि पब्लिक अवेयर को लेकर गाइड लाइन जारी करने के बाद भी लोग हैकर्स के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं।

नेट बैंकिंग के नाम पर साइबर ठगी

-अप्लीकेशन को डाउनलोड करवाकर कर रहे मोबाइल हैक

-केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहते हैं।

-ट्रांजक्शन करते ही आपके हैक हुए फोन की मदद से आपके खाते से पैसे निकाल लेते हैं।

-ऑनलाइन नेट बैंकिंग के जरिए भी बना रहे शिकार

नौकरी और लॉटरी के नाम पर ठगी

-कोई भी बैंक अपने कस्टमर के खाते के बारे में डिटेल नहीं पूछती है, इसके बाद भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।

-नौकरी के लालच में आकर कर रहे पर्सनल जानकारी शेयर

-बायोडाटा सेंड के जरिए चुरा रहे डेटा

-लॉटरी के खुलने के नाम पर खाते में जमा कर रहे टोकनमनी

सोशल मीडिया पर ऐसे हैं एक्टिव

- सोशल मीडिया अकाउंट हैककर मांगते हैं रुपए

- फ्रेंड लिस्ट से मैसेंजर पर करते हैं संपर्क

- हैकर्स लिंक शेयर कर मांगते हैं पर्सनल डिटेल

- ऑनलाइन मार्केट में सस्ते दमों में खरीद का लालच

साइबर ठगी के मामलों में पिछले साल से अब तक चौबीस लाख रुपए की ठगी की गई है, जिसमें पंद्रह लाख रुपये रिकवर किए गए हैं। जनवरी में अलग-अलग तरीकों से ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया है, जिसमें सोशल मीडिया, ओटीपी, नौकरी और लॉटरी के नाम पर अधिकतर शिकायतें मिली हैं।

- विजय कुमार, साइबर सेल

साइबर शातिर डेटा शेयर करके लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। लोकल में एक्टिव साइबर ठग दूरदराज के इलाकों में डेटा भेज रहे हैं, जिससे साइबर शातिर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ओटीपी से ठगी जानकारी के अभाव में हो रही है।

- अक्षय, एसटीएफ सबइंस्पेक्टर

Posted By: Inextlive