Agra;फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल और अश्लील टैग जैसे तमाम अपराधों में आगरा प्रदेश में पहली पायदान पर काबिज है. दूसरी तरफ प्रदेश का साइबर सेल सरकारी उदासीनता के चलते हाशिए पर है. यह चौंकाने वाली बात है कि हर महीने 35-40 शिकायतें सिटी में फेसबुक के जरिए होने वाले क्राइम की दर्ज हो रही हैं. तकरीबन इतनी ही शिकायतें आगरा के विभिन्न थानों में भी पहुंच रही हैं. ज्यादातर मामलों में बदनामी के डर या साइबर सेल की जानकारी के अभाव में फेसबुक से जुड़े अपराध आपसी समझौते से हल हो रहे हैं.


सोशल होना पड़ा भारीलोगों को नेटवर्किंग साइट्स पर एक्टिव होना बहुत भारी पड़ रहा है। फेसबुक एकाउंट पर हमेशा एक्टिव रहने वाली मनीषा के नाम से एक फेक अकाउंट बनाकर अश्लील फोटो अपलोड किए जा रहे हैं। इस अकाउंट में कांटेक्ट नंबर मनीषा का ही है। कोई है, जो मनीषा की सोशल इमेज को बिगाडऩे पर लगा है। कोई है, जो मनीषा को परेशान करने की साजिश कर रहा है। कौन है? पुलिस ने लिया हल्के में


फैक आईडी बनाकर मनीषा को परेशान करने वाले की उसके साथ क्या दुश्मनी है? ये पता लगाना पुलिस का काम है, जो मामले को हल्के में ले रही है। मनीषा ने पुलिस थाने में जाकर जानकारी दी थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। साइबर सेल में भी मनीषा ने लिखित में गोपनीय कंप्लेन की थी। कोई कार्रवाई नहीं हुई तो लड़की के परिजनों ने मामले को दबाने में ही भलाई समझी है।एफआईआर के बाद मामले में आईओ को जांच में लगाया जाता है। संगीन मामलों में एक्शन जल्दी लिया जाता है। कुछ मामले फैक आईडी के कारण ट्रेस होने में टाइम लग जाता है।वीएस मीणा-डीआईजी आगरा


अधिक मामले हैं फर्जी के

स्टाफ और सीमित संसाधनों से जूझता प्रदेश का दूसरा साइबर थाना लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम से लडऩे के लिए सरकार का मुंह ताक रहा है। ज्यादा मामले फर्जी प्रोफाइल के आ रहे हैं। साइबर सेल एक्सपर्ट रक्षित टंडन भी मानते हैं कि आगरा मे फर्जी प्रोफाइल के मामले तेजी से बढ़े हैं। इनमें बाहर से पढऩे आए स्टूडेंट ज्यादा शामिल हैं। अपनी गर्लफ्रेंड या दोस्तों के नाम और उनकी फोटो का गलत इस्तेमाल कर फर्जी प्रोफाइल बनाने के 35 से 40 मामले हर महीने सामने आते हैं। फेसबुक के जरिए अश्लीलता भी जमकर परोसी जा रही है। अन्य जिलों से भी सैकड़ों मामले आगरा साइबर सेल पर दर्ज हो रहे हैं। इन चौंका देने वाले आंकड़ों के चलते आगरा के अलावा मेरठ और कानपुर में भी साइबर थाना आवश्यक हो गया है।बैंकिंग फ्रॉड में अव्वलआगरा में बैंकिंग फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। इनमें ज्यादातर फ्रॉड बैंकिंग लोन से संबंधित है। साइबर सेल डीआईजी भी स्वीकारते हैं कि बीते चार सालों में बैंकिग फ्रॉड में लगातार इजाफा हुआ है। पश्चिम यूपी के सभी डिस्ट्रिक्ट से आगरा साइबर सेल के अंतर्गत ही आते हैं। सेल में साइबर सेल में कंप्लेन के ढेर लगा हुआ है।हाशिए पर इंतजाम
बदनाम फेस के बाद भी नहीं हो रहे बुक आला अफसर भी असंतुष्ट साइबर अपराध के मामलों में शिकायत करने वालों की परेशानी साइबर सेल से जुड़े आला अफसर भी स्वीकारते हैं। उनके मुताबिक सरकार को नोटिफिकेशन के अनुसार व्यवस्था करते हुए चार जोन में प्रदेश को बांट देना चाहिए। इससे शिकायत करने वाले को बार-बार आगरा जाने से तो मुक्ति मिलेगी। आगरा साइबर सेल ऑफिस महज एक एएसआई और दो कांस्टेबल के भरोसे है।दूसरे डिस्ट्रक्ट से आते हैं लोगसाइबर क्राइम से पीडि़त लोगों को दूसरे डिस्ट्रिक्ट से शिकायत के लिए आगरा आना पड़ता है। शिकायत किसी अन्य थाने में भी दर्ज कराई गई हो तो साइबर सेल आगरा डीआईजी शिकायत का निरीक्षण करते हैं ओर मामले की गंभीरता और शिकायत का आधार उचित पाते हैं तब एफआईआर की अनुमति देते हैं। तब शिकायतकर्ता को एफआईआर पर हस्ताक्षर के लिए आगरा पहुंचना ही पड़ता है। इसी तरह धारा 161 के बयान देने भी पीडि़त को आगरा या फिर लखनऊ जाना होता है।चक्कर के फेर में लोग घरों मेंकंप्लेन करने के बाद भी पीडि़त व्यक्ति बार-बार आगरा के चक्कर लगाने के बजाए वापस लौटना मुनासिब समझता है। इसकी वजह है एफआईआर रजिस्टर साइबर थाना आगरा में ही है। ऐसे में शिकायत करने वाला बार-बार आगरा के चक्कर लगाने से घर में बैठकर कंप्रोमाइज करना बेहतर समझता है। आगरा का साइबर सेल दर्ज मामलों के लिहाज से प्रदेश में नंबर वन पर है।सोशल हैं तो रखें ध्यान1. अपनी प्रोफाइल पर अपने औरफैमिली के फोटोग्राफ्स को
अपलोड करने से बचें।2. किसी अंजान को अपने फ्रेंड्स मेंऐड न करें।3. किसी भी तरह के पोर्न कंटेंट कोलाइक या क्लिक न करें उसमेंवायरस भी हो सकता है। आपकोपता भी नहीं चलेगा कि कब आपकी प्रोफाइल पर फोटो पोस्ट कर दिया गया है और वो कब आपके फ्रेंड्स तक पहुंच गया है।4. किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना फोन नंबर, एड्रेस जैसी पर्सनल जानकारी न डालें।5. बेवजह कमेंट और लाइक न करें।6. फेसबुक की प्राइवेसी सेंटिंग को अपने हिसाब से सेट करें ताकि सिर्फ आपके जानने वाले ही आपकी प्रोफाइल को देख सकें।7. कमेंट करते समय लैंग्वेज का हमेशा ध्यान रखें।8. किसी विवादित मुद्दे से जुड़ा हुआ कोई पोस्ट न डालें।9. खुद किसी की फेक प्रोफाइल न बनाएं। बॉक्सकरें महिला हेल्पलाइन पर कंप्लेन1090 महिला हेल्पलाइन नंबर है। कोई भी महिला इस हेल्पलाइन के जरिये अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है। इस हेल्पलाइन पर तुरंत एक्शन लिया जाता है और गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता। जो फेसबुक का मिसयूज करते हैं।वर्जन Posted By: Inextlive