-एन हेक्सेन की बाजार में कीमत 30 से 50 रुपए प्रति लीटर

-आगरा में बड़ी मात्रा में है नकली पेट्रोल की खपत

-विभागों की सांठगांठ से चल रहा था खेल, डीएम ने बैठा दी जांच

आगरा: आगरा में तेल के खेल का खुलासा होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। डीएम प्रभु एन सिंह ने एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर दी है। वहीं शुरुआती तफ्तीश में निकलकर आया कि एन हेक्सेन नामक साल्वेंट में कलर मिलाकर पेट्रोल बनाया जा रहा था। बड़े पैमाने पर नकली पेट्रोल की खपत की आशंका के मद्देनजर डीएम ने जिला पूर्ति विभाग को अलर्ट कर दिया है। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा कि वे एन हेक्सेन सॉल्वेट से 36 रुपए की लागत में नकली पेट्रोल बनाते थे जिसे बाजार में 56 रुपए लीटर बेच देते थे। यहां से दुकानदार पेट्रोल के दामों में इसे ग्राहकों को बेचते थे। पुलिस ने इस गोरखधंधे में माफिया समेत 8 आरोपियों को जेल भेज दिया है।

फैक्ट्री संचालक है माफिया

पुलिस पूछताछ में निकलकर आया कि इस गोरखधंधे का मास्टर माइंड एडवांस सेल्स कॉरपोरेशन का मालिक विवेक वाधवा है। वाधवा गुजरात से हेक्सेन साल्वेंट को खरीदकर इसमें रबर मिलाता था और एडहेसिब बनाता था। यह रबर वाधवा केरल से खरीदता था। पूछताछ में उसने बताया कि हेक्सेन और रबर को एक प्रकिया से गुजारने के बाद एडहेसिव बनाया जाता है जिसे शू बनाने में प्रयोग में लाया जाता है। वाधवा ने हेक्सेन का प्रयोग एडहेसिव बनाने के बजाय नकली पेट्रोल बनाने में करने लगा और इसके लिए उसने बसीम, अजीम, राकेश आदि को शामिल कर लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नकली तेल के इस खेल में वाधवा के साथ मिलकर सभी आरोपी हेक्सेन को अवैध रूप से फैक्ट्री से निकालते थे जहां से बसीम और अजीम इस सॉल्वेंट में रंग मिलाकर नकली पेट्रोल बनाने थे। पूछताछ में आरोपी बसीम, अजीम और वाधवा ने स्वीकारा कि एक लीटर नकली पेट्रोल बनाने में 36 रुपए की लागत आती है जिसे वे ग्रामीण इलाकों में दुकानदारों को 56 रुपए लीटर में बेचते हैं। ये दुकानदार चोरी-छिपे नकली पेट्रोल को ग्राहकों को बेंचते हैं।

मास्टरमाइंड है वाधवा

पुलिस की पूछताछ में निकलकर आया कि गत 3 वर्षो से नकली पेट्रोल बनाने का काला कारोबार शहर में धड़ल्ले से चल रहा था। सांठगांठ से फलफूल रहे इस कारोबार में माफिया वाधवा ने गत वर्षो में करोड़ों के वारे-न्यारे कर लिए थे। इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड भी विवेक वाधवा ही है। केमिस्ट्री से ग्रेजुएट वाधवा ने ही सॉल्वेंट से पेट्रोल बनाने के काले कारोबार में अन्य आरोपियों को शामिल किया। वाधवा गांधीनगर कांगड़ा गुजरात से एडहेसिव बनाने के नाम पर हेक्सेन सॉल्वेंट की खरीददारी करता था। एडहेसिव न बनाकर वाधवा इस सॉल्वेंट से नकली पेट्रोल बनाने के लिए प्रयोग में लाता था। पुलिस वाधवा के कांट्रेक्ट खंगाल रही है, पुलिस के मुताबिक इस केस में बसीम, अजीम के अलावा कई अन्य माफिया भी शामिल हैं जो वाधवा से सॉल्वेंट खरीद रहे थे।

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एडीएम फाइनेंस करेंगे जांच

डीएम प्रभु एन सिंह के आदेश पर एडीएम फाइनेंस इस गोरखधंधे की जांच करेंगे। डीएम ने बताया कि एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में एक इंटरडिपार्टमेंट कमेटी का गठन कर दिया गया है। जिसमें जिला पूर्ति अधिकारी, जीएम डीआईसी, फायर विभाग, एफडीए समेत पुलिस अफसर शामिल हैं। डीएम ने बताया कि यह एक गंभीर प्रकरण है कमेटी की जांच के बाद गोरखधंधे में शामिल अन्य दोषियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वहीं डीएम ने पूर्ति विभाग से जबाव-तलब किया कि आखिर किन स्थितियों में ग्रामीण क्षेत्रों में लूस पेट्रोल दुकानों पर मिल रहा था। डीएम ने ऐसे सभी दुकानदारों को चिह्नित कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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सॉल्वेंट में कलर मिलकार नकली पेट्रोल बनाने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही एडीएम फाइनेंस के नेतृत्व में इंटरडिपार्टमेंटल कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। यह कमेटी पूरे गोरखधंधे का पर्दाफाश कर रिपोर्ट देगी जिसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। गोरखधंधे में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

-प्रभु एन सिंह, डीएम, आगरा

Posted By: Inextlive