- आमने-सामने आए लोकल इस्लामिया एजेंसी चेयरमैन और शहर मुफ्ती

- शहरभर में चर्चा बना मामला, फोटो और ऑडियो भी हुए जमकर वायरल

आगरा। ताजनगरी में धर्मस्थल पर झंडारोहण का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को शहरभर में ये चर्चा का विषय बना रहा। विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप पर इसको लेकर ऑडियो भी वायरल हुए। इसमें कई में तल्ख भरी टिप्पणी भी सामने आई।

क्या है मामला?

15 अगस्त पर शहर आजादी के जश्न में डूबा हुआ था। बिजलीघर स्थित धर्मस्थल पर भी झंडारोहण किया गया। जब झंडारोहण के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए तो प्रतिक्रिया आना शुरू हो गया। तल्ख टिप्पणी आने लगी। अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

हर वर्ष होता है झंडारोहण

लोकल इस्लामिया एजेंसी के चेयरमैन हाजी असलम कुरैशी ने बताया कि शहर मुफ्ती की प्रतिक्रिया बहुत खराब है। धर्मस्थल में शिक्षण संस्थान है, वहां झंडारोहण नहीं होगा तो कहां होगा। शिक्षण संस्थान में झंडारोहण हुआ है, हर साल होता है, कोई नई बात नहीं है। शिक्षण संस्थान सरकारी सहायता प्राप्त है।

राष्ट्रीय पर्व, कोई धार्मिक पर्व नहीं

बिजलीघर स्थित धर्मस्थल में शिक्षण संस्थान भी है। झंडारोहण प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी ने किया। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को जश्न-ए आजादी का पर्व था। पूरा देश इस जश्न को मना रहा था। हम भी इसमें शमिल थे। धर्मस्थल में शिक्षण संस्थान भी है। ये शिक्षण संस्थान सरकार से सहायता प्राप्त है। इसके लिए सरकार की गाइडलाइन है कि सभी शिक्षण संस्थानों के अंदर झंडारोहण और राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। शिक्षण संस्थान के जो मैनेजर है, उन्होंने मुझे इनवाइट किया था। रविवार सुबह मैं वहां साढ़े आठ बजे पहुंचा था। झंडारोहण किया गया। शिक्षण संस्थान के बच्चों ने राष्ट्रगान गाया। हिन्दुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के भी नारे लगाए। देश के हर जगह पर इस प्रकार के आयोजन हुए हैं और होने भी चाहिए। ये एक राष्ट्रीय पर्व है कोई धार्मिक पर्व नहीं है।

एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसे शहर मुफ्ती का बताया जा रहा है। शहर मुफ्ती को सावधानी बरतनी चाहिए थी, ऐसे मुद्दों पर इस प्रकार से अपना बयान जारी नहीं करना चाहिए था। उनको अपना बयान वापस लेना चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए। हमने बिजलीघर के अलावा शाहगंज में भी एक शिक्षण संस्थान में झंडा फहराया था।

अशफाक सैफी, अध्यक्ष, प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग

बहुत छोटी सी बात ये है कि बिजलीघर स्थित धर्मस्थल इबादतगाह है। वहां गैर मजहबी काम की इजाजत नहीं दी गई है। वहां पर कोई भी काम जो सियासत से जुड़ा हो ज्यादती हो, नहीं हो सकता। लेकिन इसका किसी को इख्तियार नहीं है। न वहां के चेयरमैन को और न कमेटी को। मेरे पास उन्हीं के लोगों ने ऑडियो और वीडियो भेजा। उसको देखने और सुनने के बाद जो चेयरमैन साहब हैं, उनको मुखातिब करते हुए कहा कि आप वहां जो कुछ भी कर रहे हैं, वह धर्मस्थल की बेअदबी है।

मुफ्ती रूमी, शहर मुफ्ती

शहर मुफ्ती के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय ध्वज का विरोध जताया है। इसलिए उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। मुझे धमकी दी जा रही है। इसलिए मैंने सुरक्षा की मांग की है।

असलम कुरैशी, चेयरमैन, लोकल इस्लामिया एजेंसी

Posted By: Inextlive