आगरा में कचरा डंपिंग की कवायद शुरू
- केंद्र शासन ने प्रपोजल को दी हरी झंडी
- कुबरेपुर को कचरा से मिलेगी मुक्ति आगरा। कुबेरपुर ट्रिंचिंग ग्राउंड का कचरा न सिर्फ जल्दी ही बंद होगा, बल्कि खूबसूरत गार्डन के रूप मे दिखेगा। इसके लिए नगर निगम ने कचरा कैंपिंग के लिए निजी कंपनियों के लिए 23 फरवरी को कंपनियों के लिए टेंडर कॉल किया है। ये प्रक्रिया एक महीने में पूरी की जाएगा। इसके बाद कंपनी का चयन होते ही पहाड़ बन चुकाकरोड़ों टन कचरा को पूरी तरह से बंद होगा। पर्यावरण बचाने उठाया गया कदमकुबेरपुर स्थिति ट्रिंचिंग ग्राउंड के 4 एकड़ क्षेत्र में कचरा डंप किया जा रहा है। कचरा के डिस्पोज की प्रोसेसिंग वर्ष 2012-13 से बंद है। इस वजह से करोड़ों टन कचरा जमा हो चुका है। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है, वहीं स्थानीय लोगों की भी समस्या बन चुका है। इसे देखते हुए नगर निगम ने पूरे कचरे को कैपिंग करने का निर्णय लिया है। इसे केंद्र सरकार ने हरी झंडी भी दे दी है। 21 मार्च तक कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं। इसके बाद एक महीने में कागजी प्रोसेस पूरा करके कैंपिंग का काम सौंप दिया जाएगा।
तीन फॉर्मूले हैं बंद करने केकचरा को कैपिंग (बंद) करने के तीन तरीके हैं। इसमें मिट्टी डालकर फिर गार्डनिंग (घास) लगाई जाती है। इसमें दरकने का खतरा बना रहता है। दूसरा एक मोटी पालिथीन की कोटिंग के बाद मिट्टी से पाटा जाता है और गार्डनिंग की जाती है। तीसरा फार्मूला कचरा को सीमेंट से बंद किया जाता है।
2012 से डंप है करोड़ों टन कचरा कुबेरपुर ट्रिंचिंग ग्राउंड में कचरा डिस्पोज (खत्म) किया जाता था। ये प्रक्रिया वर्ष 2012 के बाद बंद हो गई। लेकिन हर रोज कचरा डंप किया जाता रहा। ऐसे में चार सालों में कचरा का पहाड़ खड़े हो गए हैं। ये अब समस्या बन रही है।