वाहन दुर्घटना से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा मौत हेलमेट न पहनने के कारण होती हैं. इसमें युवाओं की संख्या सबसे अधिक है. अगर हम एक सुरक्षित और अनुशासित समाज चाहते हैं तो बिना हेलमेट के ड्राइविंग पर रोक लगानी होगी. हर घर के युवा हेलमेट लगाकर वाहन चलाएं इसके लिए जरूरी है कि शुरुआत घर से ही हो पेरेंट्स हेलमेट पहनकर वाहन चलाएंगे तो बच्चे भी हेलमेट अवश्य पहनेंगे. दैनिक जागरण आईनेक्सट द्वारा अभियान के अंतर्गत ट्रैफिक में वाहन चलकों को जागरुक करने का कार्य किया गया.

आगरा(ब्यूरो) । सुरक्षित यातायात सुरक्षित समाज के प्रति युवाओं को जागरुक करने का कार्य किया गया। ट्रैफिक रूल्स पालन करने को लेकर युवाओं ने सहयोग की बात कही तो वहीं उन्होंने दूसरों को भी बाइक के साथ हेलमेट पहनाने की जिम्मेदारी ली। युवाओं ने माना सुरक्षित ड्राइविंग के लिए हेलमेट जरूरी है। इस पर शहर के युवाओं ने अपने विचार भी शेयर किए। युवाओं ने कहा कि बिना हेलमेट के दुर्घटना में होने वाली मौत में मेडिक्लेम भी नहीं मिलता। सिर पर हेलमेट पहनना तभी पूरा माना जाएगा, जब उसकी स्ट्रिप लॉक की जाए।

युवाओं ने कहा हम करेंगे ट्रैफिक रूल्स फॉलो
पेरेंट्स युवाओं को करें अवेयर
युवा हेलमेट पहने इसमें अभिभावकों की भूमिका भी अहम है, पेरेंट्स को जागरूक किया जाए ताकि अभिभावक बच्चों को हेलमेट लगाने के लिए बाधित करें।

बिना हेलमेट न मिले वाहन
चालक राजेश बताते हैं कि वाहन लेते वक्त उसका रजिस्ट्रेशन, नंबर प्लेट अनिवार्य होती है ठीक उसी तरह वाहन लेते समय ही हेलमेट खरीदना भी अनिवार्य कर दिया। बिना हेलमेट के वाहन बिक्री प्रतिबंधित कर दी जाए तो सभी हेलमेट पहनेंगे।

लगातार की जाए चेकिंग
युवा हेलमेट लगाने के लिए सजग हों, वाहन चलाने से पहले उन्हें हेलमेट लगाने का ख्याल आए इसके लिए लगातार चेकिंग जरूरी है, रौनक ने बताया कि पुलिस नियमित रूप से हेलमेट की चेकिंग करे और चालान काटे तभी लोगों में खौफ आएगा।

फिल्मों के माध्यम से लाएं जागरुकता
समाज में किसी संदेश और जागरुकता के लिए फिल्म बेहतरीन माध्यम है। दहेज, भ्रष्टाचार, देशभक्ति, सफाई और टॉयलेट पर फिल्में बन सकती हैं तो हेलमेट का महत्व भी फिल्म से बताया जा सकता है। हेलमेट जिंदगी के लिए कितना जरूरी है इसकी जागरुकता के लिए फिल्म बननी चाहिए।


सब्सडाईज रेट पर मिलें हेलमेट
सरकार को सब्सडाईज कीमतों पर हेलमेट देने चाहिए। उच्च वर्ग तो महंगा हेलमेट खरीद सकता है, लेकिन निम्न तबके के लोग भी हेलमेट खरीदें इसलिए इन पर छूट देनी चाहिए।
विनीत जैन, चालक

रेग्युलर चेकिंग जरूरी
हेलमेट के लिए पुलिस को रेग्युलर चेकिंग करनी चाहिए। पुलिस थोड़ी सख्ती बरतेगी तो लोगों में डर आएगा और वो हेलमेट पहनेंगे।
सृष्टी, चालक

पब्लिक ट्रांसपोर्ट करें प्रयोग
जो लोग हेलमेट नहीं लगा सकते उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम का प्रयोग करना चाहिए। इससे वे स्वयं सुरक्षित रहेंगे और दूसरों को भी सुरक्षित रखेंगे।
मुस्कान, चालक

बिना हेलमेट चालू न हों वाहन
अगर हम चाहते हैं कि हर युवा हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाए तो वाहनों में ऐसे डिवाइस या सेंसर लगे आने चाहिए कि बिना हेलमेट के वाहन चालू ही न हो। दो पहिया वाहन हेलमेट लगाने पर ही चालू हों, चार पहिया वाहन सीट बेल्ट लगाने के बाद ही चालू हो ऐसा सिस्टम वाहनों में आना चाहिए।

अधिकांश दुर्घटनाओं का कारण हेलमेट न होना
अस्पतालों की इमरजेंसी में दुर्घटना से मौत के जो मामले आते हैं, उसमें 90 फीसद मामले बिना हेलमेट के वाहन चलाने के कारण होने वाली दुर्घटना के होते हैं। इसमें भी अधिकांश घायल, मृतक युवा ही होते हैं।
डॉ। अलोक अग्रवाल, न्यूरोलॉजिस्ट

छात्रों ने बनाई ऐसी बाइक
जब वाहनों में ही ऐसा सिस्टम हो कि बिना हेलमेट के वाहन स्टार्ट न हो तो मजबूरी में हेलमेट पहनना पड़ेगा। हमारे छात्रों ने ऐसी बाइक बनाई है कि हेलमेट उतरने के पांच मिनट बाद वो बंद हो जाएगी।
रीना रोबोट, प्रिंसीपल क्वीन बिक्टोरिया गल्र्स इंटर कॉलेज

स्कूलों में चले अभियान
स्कूल, कॉलेजों में अभियान चलाकर युवाओं को हेलमेट पहनने का महत्व बताया जाए। युवाओं को डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाए, नुक्कड़ नाटकों के जरिए उन्हें हेलमेट पहनने का महत्व बताया जाए।
डॉ। सुशील गुप्ता, अध्यक्ष अप्सा


स्कूलों में एंट्री बैन
बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों में सबसे ज्यादा संख्या स्कूली-कॉलेज के छात्रों की है। नवमीं कक्षा से ही अभिभावक बच्चों को वाहन दे देते हैं और बच्चे बिना हेलमेट के स्कूल, कोचिंग जाते हैं। स्कूलों को इस पर सख्ती बरतते हुए बिना हेलमेट के एंट्री बंद कर देनी चाहिए।
उमेश टिन्ना, कंप्यूटर टीचर


ट्रैफिक रूल्स का पालन कराने के लिए वाहन चालक स्कूल और कॉलेजों में स्टूडेंट्स को अवेयर किया गया है। नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जाती है।
अरुन चंद, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive