फतेहपुर सीकरी में होगा पचीसी कोर्ट का संरक्षण
-खराब पत्थरों को बदलने के लिए एएसआइ ने किया टेंडर
-करीब 9.54 लाख रुपये होंगे संरक्षण कार्य पर व्यय आगरा: फतेहपुर सीकरी स्थित पचीसी कोर्ट और उससे जुड़े दालान का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा किया जाएगा। यहां के खराब हो चुके रेड सैंड स्टोन के पत्थरों को बदला जाएगा। इस पर करीब 9.54 लाख रुपये व्यय होंगे।फतेहपुर सीकरी मुगल शहंशाह अकबर की 13 वर्ष राजधानी रहा है। अकबर ने यहां से 1572 से 1585 तक शासन चलाया था। यहां दीवान-ए-आम के नजदीक पचीसी कोर्ट बना हुआ है। समय के साथ इसके फर्श के कई पत्थर खराब हो चुके हैं। उनमें गड्ढे पड़ गए हैं। इसके साथ ही पानदासा (बार्डर) के पत्थर भी खराब हो गए हैं। अब इनके संरक्षण को एएसआइ द्वारा 9.54 लाख रुपये का टेंडर किया गया है। यहां फर्श के खराब पत्थर, पानदासा और दासा के खराब पत्थरों को बदला जाएगा। 29 अक्टूबर तक निविदा भरी जा सकेगी।
मोहरे नहीं दासों का इस्तेमाल पचीसी कोर्ट का फर्श चौसर की बिसात की तरह बना हुआ है। बताया जाता है यहां शहंशाह अकबर पचीसी खेला करता था, लेकिन उसमें मोहरे की जगह दास-दासियों का प्रयोग किया जाता था।