इसे व्यस्तता कहें या कुछ और लोगों की कंप्लेन अधिकारियों के सीयूजी नंबर जल्दी नहीं उठते हैं. इसकी जानकारी करने के लिए शुक्रवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पुलिस के आला अफसरों के सीयूजी नंबर पर कॉल किया. इसका रिस्पांस बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता. हमने पुलिस के आला अफसर के सीयूजी नंबर पर कॉल किया. दो अन्य जिले के जिम्मेदारों को फोन किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया गया.


आगरा(ब्यूरो)। रिपोर्टर ने रियलिटी चैक के दौरान शुक्रवार को शाम 6 से सात बजे के बीच सीयूजी नंबर पर कॉल किया था। जिसमें कमिश्नर डॉ। प्रीतिंदर सिंह का नंबर उनके पीआरओ द्वारा उठाया गया। वहीं उनके पेशगार का नंबर नॉट रिचेबल बता रहा था। डीसीआरबी प्रभारी का नंबर स्विच ऑफ, इसके अलावा अन्य अधिकारियों का सीयूजी नंबर भी रिसीव नहीं हो सका। ऐसे में इमरजेंसी होने पर फोन डायल करने वालों को समस्या का सामना करना पड़ता है। पब्लिक तक प्रोपर जानकारी नहीं पहुंचाना एक चुनौती बन जाता है।

रैंडम कॉल के जरिए क्रॉस चेकिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को दिए गए सीयूजी नंबर खुद ही रिसीव करने का आदेश दिया है। इसके आधार पर दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने शुक्रवार को पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरों के सीयूजी नंबर पर कॉल लगाकर रियलिटी चैक किया। बता दें कि पिछले दिनों सीएम के निर्देश पर यूपी के कई जिले के अफसरों के सीयूजी नंबर पर रैंडम कॉल कर चेक किया गया।

इन्होंने दिया रिस्पांस
-पुलिस उपायुक्त सोनम कुमार को कॉल किया गया, उन्होंने सीयूजी नंबर को रिसीव किया गया।
-शहर के प्रमुख थाना प्रभारी शाहगंज, हरीपर्वत, सिकंदरा, न्यू आगरा और लोहमंडी थाना प्रभारियों द्वारा रिस्पांस दिया गया।
-अपर पुलिस आयुक्त अपराध द्वारा सीयूजी फोन उठाकर रिस्पांस दिया गया। संबंधित विषय में भी दी जानकारी

सीयूजी पर नहीं मिली रिस्पांस
कमिश्नर सीयूजी पर पीआरओ ने रिस्पांस दिया। उनके द्वारा शेयर किए गए नंबर जो कि पेशगार साहब और डीसीआरबी प्रभारी का था, सीयूजी फोन मिलाने पर स्विच ऑफ बता रहा था, कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। वहीं, एसएसपी फिरोजाबाद का सीयूजी, पीआरओ द्वारा फोन रिसीव कर रिस्पोंस दिया गया। एसपी हाथरस के सीयूजी नंबर पर कॉल किया गया रिंग गई, लेकिन रिस्पांस नहीं मिला।

ज्यादातर सेव नंबर ही उठाते हैं
सूत्रों की मानें तो ज्यादातर थानेदार और पुलिस अधिकारी सेव नंबर ही उठाते हैं, उनको बाकी लोगों से कोई मतलब नहीं है। जबकि यह सीयूजी नंबर सरकार ने जनता की सेवा व सुविधा के लिए दिया है। कई बार देखने में आता है कि लोग सीयूजी नंबर पर विश्वास ना करके प्राइवेट नंबर लेने की कोशिश करते हैं, वहीं, कुछ थानेदार ऐसे हैं, जो अपना सीयूजी नंबर अपने पुलिसकर्मी और चालक को सौंप देते हैं।

सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश है कि अधिकारी अपने सीयूजी नंबर को उठाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। रूल्स सभी को फॉलो करने चाहिए।
हेमंत भारद्वाज, वरिष्ठ अधिवक्ता

पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पब्लिक की सेवा के लिए हैं, अधिकारियों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि पब्लिक की हर समस्या का निराकरण कराया जाए।
प्रबल प्रताप सिंह

शासन से सीयूजी फोन उठाने को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए, अगर किसी कारण फोन रिसीव नहीं करते तो कॉल बैक कॉल कर सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- अनुपम कुलश्रेष्ठ, एडीजी जोन


कितने थाने
आगरा में थाने 46
सिटी में 17
आगरा में जोन 3, पूर्वी, पश्चिमी और नगर
मंडल में जिले
7

Posted By: Inextlive