Agra: हैडिंग को देख कर आप यह सोच रहे होंगे कि भाई कहां ठगे गए और कब. पता भी नहीं चला. है ना. ज्यादा सोचिए मत. यह ठगी बहुत छोटी सी है. इसलिए आपको पता नहीं चलती. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आप कहां और कैसे ठगी का शिकार हुए?


Branded  के नाम से जी हां, ब्रांडेड के नाम से आप मार्केट में ठगे जा चुके है। वो भी एक रुपये से। क्योंकि आप अपने शौक को पूरा करने के चलते ब्रांडेड आइट्म्स के रेट पर गौर नहीं करते। जो प्यार से आपके जेब को केस काउंटर पर ढीला कर देता है। कुछ यूं।99 से शुरू होता है tag मॉल, मार्केट और शोरूम में बिक रहे रेडीमेट गारमेंट्म्स, शूज, चश्मे से लेकर हैड वाच सेल होता है। जिस एक तय रेट का टैग लगा होता है। इसकी शुरुआत होती तो 99 रुपये से हैं, लेकिन कीमत हजारों में पहुंच जाती है। इसे आप परचेज भी करते हैं। बड़े स्टाइल से, लेकिन आप यही मात खा जाते हैं। क्योंकि, यह टैग आपको एक रुपये का चूना लग देता है। बकायदा अपना तय रेट वसूल कर.

Jeans और t-shirt और shoes
टैग के रेस में छोटे बड़े सभी आइट्म्स शामिल होते हैं। जींस के बैक साइड में लगा 299, 499, 549 का टैक राउंड फीगर में नहीं होता। इसके लिए आपको सामने वालों को एक रुपये अधिक देना होता है। जैसे 299 रुपये पर सौ के तीन नोट। एक रुपये की बात तो आपके दिमाग में आती ही नहीं है।माइनस प्लस होता है


पूछे जाने पर एक ब्रांडेड कंपनी के सेलमैन ने बताया कि टैग कस्टमर को लेकर तय होता है। यदि कस्टमर को 300 रुपये का चार्ज बोला जाए तो वह चौक जाता है। 299 के रेट पर वह इस चार्ज के अंदर आ जाता है। जबकि, चुकाना उसको 300 रुपये ही पड़ता है।

Posted By: Inextlive