स्कूल पहुंचे बच्चों के पेरेंट्स से लिया गया सहमति पत्र

मॉस्क लगाना रहा अनिवार्य, थर्मल स्क्रिनिंग के बाद प्रवेश

आगरा। सात महीने से बंद स्कूल सेमवार को ाुल गए। पहले दिन स्कूलों में पचास फीसदी उपस्थिति रही। लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे स्टूडेंटस में जोश और उत्साह नजर आया। जबकि सरकारी माध्यमिक स्कूलों में उपस्थिति काफी कम रही। साी स्कूलों में कोविड-19 के रूल्स को फॉलो कराया गया।

थर्मल स्क्रीनिंग के बाद एंट्री

स्कूलों में थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्टूडेंट को एंट्री दी गई। पहले क्लास 9 से 12वीं तक के स्टूडेंटस को एंट्री दी गई। दयालबाग स्थित प्रिल्यूड पलिक स्कू ल में मेन गेट में जाने से पहले स्टाफ कर्मचारियों और स्टूडेंटस की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। वहीं मेन गेट से लेकर क्लास रूम तक सोशल डिस्टेंसिग का पालन कराने के लिए यलो और ग्रीन कलर से गोल घेरे बनाए गए। इसके बाद ाी स्टूडेंट्स को क्लास में एंट्री दी गई।

बंद रही कैंटीन, लंच नहीं हुआ शेयर

स्कूलों में सात महीने बाद विद्यार्थी लौटे। दोस्तों के साथ मस्ती के पल नहीं गुजार सके। इस दौरान आपस में सोशल डिस्टेसिंग को बरकरार रा गया। साथ ही लंच दोस्तों के साथ शेयर नहीं किया। स्कूलों में कैंटीन बंद थी। सेंड एंट्रूज इंटर कॉलेज में पूरी तरह कोविड रूल्स को फॉलो किया गया। यहां साी छात्र मास्क लगाने के साथ अपने लंच बॉक्स और पानी की बोतल ाी साथ लेकर आए थे।

पेरेंट्स ने नहीं दी अनुमति

क्लास नौ से लेकर बारह वीं तक स्टूडेंट्स उपस्थित हुए थे। पेरेंट्स द्वारा दिए जा रहे सहमति पत्र को भी देखा। कोरोना वायरस की तीसरी लहर के चलते कुछ एक स्कूल में पेरेंट्स ने बच्चों को भेजने की सहमति नहीं दी है। जीआईसी में मात्र बीस फीसदी छात्र ही पहुंचे। एमडी जैन इंटर कॉलेज में चालीस फीसदी ही पहुंचे।

पेरेंट्स सहमति पत्र किए गए चेक

लंबे समय बाद स्कूल पहुंचे बच्चों में उत्साह भी नजर आया। सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में मौजूदगी काफी कम रही। स्कूलों में सेनेटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सहमति पत्र देखने के बाद ही छात्र-छात्राओं को क्लास रूम में प्रवेश दिया गया। सोशल डिस्टेसिंग को फॉलो कराने के लिए निश्चित दूरी पर गोले बनाए गए। किड्स कॉर्नर स्कूल दो पालियों में बच्चों को बुलाया गया।

स्कूलों में लगाए जागरूकता पोस्टर

स्कूलों में कोविड़-19 से बचने के लिए दीवारों और क्लास में कोविड़-19 से जागरुकता पोस्टर लगाए हैं। इसमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने की सलाह दी गई है। एक-दूसरे से कॉपियां, लंच और पैन आदि सामग्री शेयर करने के लिए जागरुक किया है.जिससे कोरोना वायरस को पूरी तरह ात्म किया जा सके।

सोमवार को स्कूल ाोला गया है, परिसर में कोविड-19 के रूल्स को फॉलो किया गया। वहीं क्लास में एंट्री से पहले साी की थर्मल स्क्रीनिंग कराई थी। क्लास में ाी बहुत बेहतर माहौल दिया गया है,

डॉ। सुशील गुप्ता, अध्यक्ष अप्सा

प्रशासन की गाइड लाइन को पूरी तरह फॉलो किया गया। क्लास में जाने वाले साी को अनिवार्य रूस से मास्क दिए गए। टीचर्स को ाी गाइडलाइन के बारे में बताया गया, पहले बच्चे पेरेंट्स के साथ आए,

डॉ। गिरधर शर्मा, सचिव अप्सा

क्लास में साी पहले दिन अपने-अपने एक्सपीरियंस को शेयर किया। ऑनलाइन क्लास में नेटवर्क की समस्या रहती थी। अब छात्र ाी एक दूसरे से मिल रहे हैं।

प्रियंका गौतम, टीचर

स्कूल खुलने पर उत्साहित दिखे छात्र-छात्राएं स्कूल में पढ़ाई करके अच्छा लग रहा है। क्योंकि ऑनलाइन कक्षा में नेटवर्क तो कभी मोबाइल डिस्चार्ज जैसी समस्याएं आती थी। जो क्लास रूम में समझा जा सकता है, उसे ऑनलाइन नहीं समझा जा सकता।

सारा, छात्रा

आज मुझे पापा स्कूल छोड़ने के लिए आए थे। स्कूल में अब सावधानी बरतनी हैं। यहां दोस्तों से दूर मास्क लगाकर बैठे हैं। किसी से पैन, कॉपी आदि शेयर नहीं कर रहे हैं।

आरब, छात्र

लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं। कोरोना का डर भी हैं तो स्कूल आने में अजीब लगा। मगर सावधानी के साथ स्कूल आए हैं। स्कूल न आते तो कोर्स पिछड़ जाता। अब स्कूल में वो मस्ती नहीं कर पाएंगे, जो पहले करते थे।

मृदुल मगरानी, छात्र

स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। क्योंकि पढ़ाई बिल्कुल नहीं हुई। ऑनलाइन क्लास भी नहीं हुई। कोचिंग पढ़ रहे थे, मगर वहां पर एक, दो ही सजेक्ट ही पढ़ाते थे।

आयुष , छात्र

कोरोना के डर के कारण स्कूल नहीं खुल रहे थे तो हमारी पढ़ाई का नुकसान था। हमें स्वयं की कोविड से सुरक्षा करते हुए पढ़ाई जारी रखनी है।

आदित्य, छात्र

Posted By: Inextlive