2388 महिलाएं बनीं स्टॉफ नर्स
40 और 30 फीसदी अंक पाने पर हो गया सेलेक्शन, यूपीपीएससी ने घोषित किया परिणाम
योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 1993 पद रह गए खाली, रेस में थीं 20,408 अभ्यर्थी ALLAHABAD: यूं तो बढ़ती बेरोजगारी का ढिंढोरा अक्सर पीटा जाता है। लेकिन, जब बात लिखित परीक्षा के जरिए चयन की आती है तो परीक्षार्थी न्यूनतम मानक अंक भी अर्जित नहीं कर पाते। कुछ ऐसा ही हाल स्टॉफ नर्स महिला भर्ती परीक्षा 2017 का भी हुआ है। यह वैकेंसी लंबे समय बाद यूपी लोक सेवा आयोग ने निकाली थी। अंतिम परिणाम जारी हुआ तो योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण 1993 पद खाली रह गए। 85 अंकों की थी लिखित परीक्षा स्टॉफ नर्स भर्ती की लिखित परीक्षा 17 दिसम्बर 2017 को इलाहाबाद एवं लखनऊ में कराई गई थी इसमें 23,394 महिला अभ्यर्थी शामिल हुई अभिलेखों की चेकिंग के लिए 16 मार्च 2018 तक आवेदन मांगे गए20,408 अभ्यर्थियों ने अभिलेख प्रस्तुत किए
20,408 अभ्यर्थियों पर ही आयोग को परिणाम तैयार करना पड़ा अभ्यर्थियों का चयन मात्र 100 अंकों के आधार पर किया गया 85 अंकों की लिखित परीक्षा और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश में संविदा के अधिकतम 15 अंक निर्धारित किए गए थे कुल पदों की संख्या 4381जनरल और ओबीसी के लिए 40 फीसदी तथा एससी एवं एसटी वर्ग के लिए 30 फीसदी न्यूनतम दक्षता मानक का निर्धारण किया गया था
2388 अभ्यर्थी ही सफल घोषित हुए हैं कुल पदों की संख्या 4381 थी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश में कुल 3628 पदों के सापेक्ष 1830 महिला अभ्यर्थी तथा चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश में 753 पदों के सापेक्ष 558 अभ्यर्थियों का ही अंतिम रूप से चयन हो सका है शेष पद परीक्षा क्वालीफाई न कर पाने के कारण खाली रह गए हैं अभ्यर्थियों से कहा गया है कि वे वांछित मूल अभिलेखों को सत्यापन के लिए आयोग द्वारा अलग से निकाली जानी वाली विज्ञप्ति के बाद समय पर प्रस्तुत कर दें। आयोग ने दिए शुभ संकेतइस भर्ती परीक्षा के फाइनल रिजल्ट ने लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए शुभ संकेत दिए हैं। सीबीआई जांच में फंसे लोक सेवा आयोग ने लंबे समय बाद किसी बड़ी भर्ती का परिणाम निकाला है। नहीं तो अभी तक रोज आयोग पर परीक्षा और परिणाम के लिए प्रदर्शन का ही दौर चलता रहता था। 2019 में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी आयोग पर बड़ी भर्ती परीक्षाओं के परिणाम निकालने का भारी दबाव है। आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि आयोग के परीक्षार्थियों के लिए सितम्बर का महीना महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है।