उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में पहले तो वर्ष 2013 की प्रधानाचार्य भर्ती आठ साल से ज्यादा अटकी रही. अब हाई कोर्ट के आदेश पर जैसे- तैसे 13 नवंबर को सभी मंडलों का चयन परिणाम घोषित किया तो नियुक्ति प्रक्रिया के लिए जिलों में भेजा जाने वाला पैनल चयन बोर्ड अब तक नहीं भेज सका है. इससे चयनित अभ्यर्थियों में निराशा है. उन्होंने मांग की है कि जिलों में पैनल शीघ्र भेजा जाए ताकि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो सके.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के लिए 632 पदों पर प्रधानाचार्य भर्ती वर्ष 2013 में विज्ञापन जारी किए जाने के समय से ही उलझी रही। विज्ञापन जारी किए जाने के बाद संशोधित विज्ञापन जारी किया गया। आवेदन लिए जाने के बाद भर्ती ठंडे बस्ते में ऐसी गई कि अब तक पूरी नहीं हो पाई है। इस भर्ती को लेकर हाई कोर्ट में अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, तब चयन बोर्ड ने इस साल मार्च में साक्षात्कार कराया, मगर उसके बाद सात महीने परिणाम अटका रहा। अब परिणाम घोषित हुआ तो जिलों में भेजा जाने वाला पैनल अटका है। ऐसे में चयनित अभ्यर्थी असमंजस में हैं कि उन्हें नियुक्ति कब तक मिलेगी। वैसे भी विद्यालय में कार्यभार मिलने को लेकर चयनितों को प्रबंधन से चुनौती मिल सकती है। टीजीटी-2021 की भर्ती में उन्नाव में एक चयनित को विद्यालय में तब कार्यभार मिल सका, जब मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया और सख्त निर्देश दिए। ऐसे में विद्यालयों में कार्यभार मिलने को लेकर भी चयनित अभ्यर्थी अभी से विद्यालयों के प्रबंध तंत्र से संपर्क बैठा रहे हैं, ताकि आसानी से नियुक्ति मिल सके।

Posted By: Inextlive