-एमएनएनआइटी में पुरा छात्र सम्मेलन का आयोजन

-दोस्ती के 50 वर्ष में जुटे 1965 और 1990 में पासआउट बैच के स्टूडेंट्स

-हल्के फुल्के लम्हों में चला गुफ्तगू का दौर

ALLAHABAD: कोई बिजनेसमैन था तो कोई किसी कंपनी का सीईओ। कोई आईएएस था तो कोई अन्य किसी क्षेत्र का दिग्गज। यूं तो इनमें से कई अपनी लाइफ में सख्त अनुशासन में रहना पसंद करते हैं, लेकिन बात जब दोस्तों से मिलने की आई तो इन्हें न कोई नियम याद रहा और न कोई बंधन ही इन्हें रोक सका। यह नजारा दिखा मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में, जहां पुरा छात्र सम्मेलन में देश-विदेश से आए दिग्गजों का जमावड़ा लगा।

उत्साह और उमंग में डूबे

एमएनएनआईटी में सैटरडे से पुरा छात्र सम्मेलन की शुरुआत हो गई। दो दिवसीय सम्मेलन में 1965 में निकले प्रथम बैच के छात्र 50 वर्ष पूरा होने पर स्वर्ण जयंती वर्ष अैार 1990 में निकले छात्र 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं। प्रोग्राम का नाम दोस्ती के 50 वर्ष दिया गया है। इसमें जुटे पुरा छात्रों का उत्साह और उमंग देखते ही बना। कॉलेज से पासआउट होते वक्त ये नौजवान थे, आज मिले तो उम्र ढल चुकी थी। आखों की चमक में कोई कमी नहीं थी। इस पर एक ने कमेंट किया, तूं तो बुढ्डा लगने लगा है यार तो दूसरे का जवाब आया, बुढ्डा होगा तेरा इस पर कैंपस ठहाकों से गूंज उठा।

छेड़े मन के तार

घूमने टहने और गुफ्तगू के हल्के फुल्के लम्हों में आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने पुरा छात्र और रोजर ग्रुप ऑफ इंडस्ट्री के चेयरमैन कुलवीर सिंह से सवाल किया कि आपको यहां आकर कैसा फील हो रहा है। सवाल पर ऐसा लगा मानो किसी ने उनके मन के तारों को छेड़ दिया हो। इसके बाद उन्होंने बोलना शुरू किया तो कहीं से ऐसा नहीं लगा कि देश विदेश तक फुटवियर और इंडस्ट्री के एरिया में ढाई सौ करोड़ का बिजनेस खड़ा करने वाले किसी दिग्गज हस्ती से बात हो रही है। 76 मुल्कों में काम कर चुके कुलवीर कहा, यकीन नहीं था कि इस उम्र में आकर बिछड़े यारों से मिलने का मौका मिलेगा। कुछ नाम गिनाते हुए कहा कि कुछ को तो उन्होंने पहली झलक में ही पहचान लिया। बोले कि अब जब संयोग से मिल ही गए हैं तो आगे भी सभी से कांटैक्ट बना रहेगा।

क्लीयर हो फ्यूचर का डायरेक्शन

भोपाल में तैनात सीनियर आईएएस नीलम शमी राव की भी खुशी कोई ठिकाना नहीं था। नीलम ने कहा कि वे 1990 बैच की बीटेक स्टूडेंट हैं। कहा कि उनके बैच से दो और आईएएस हुए शिव शेखर शुक्ला और लोकेश चन्द्रा भी यहां आएं हैं। सभी से मिलना किसी ड्रीम के पूरे होने जैसा है। नीलम से सवाल किया गया कि संस्थान में पढ़ रहे भावी टेक्नोक्रेट्स के लिए क्या मैसेज है। इस पर उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि बीटेक के बाद इंजीनियर या बिजनेसमैन ही बना जाए। बोलीं कि जो भी करें डायरेक्शन क्लीयर होना चाहिए। अगर उनकी तरह सरकारी नौकरी का ही ऑप्शन चुन रहे हैं तो यह भी ख्याल होना चाहिए कि नौकरी का ऑप्शन केवल जॉब सिक्योरिटी के लिए न चुनें।

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बैंड परफार्मेंस का उठाया लुत्फ

आई नेक्स्ट रिपोर्टर से अपने अपने क्षेत्र में पहचान रखने वाले डीडी रावत, बलराम वर्मा, आरके पांडेय, दर्शन लाल, अरुण श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव आदि ने भी खुलकर दिल की बात कही। प्रोग्राम में देश-विदेश से आए पांच सौ पुरा छात्रों ने शिरकत की। देर शाम मशहूर अलिफ बैंड ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जिसका पुरा छात्रों ने खूब लुत्फ उठाया।

Posted By: Inextlive