पहल अच्छी है, लागू हो जाय तो बने बात
सालों से नहीं हुआ selectionएक जमाना था कि हर साल दर्जनों कैंडिडेट आईएएस और आईपीएस के लिए सेलेक्ट होते थे। एक समय ये है कि सालों बीत जाते हैं और एक भी सेलेक्शन नहीं होता। हम बात कर रहे हैं पंत संस्थान की जहां संघ लोक सेवा आयोग की सबसे रिनाउंड आईएएस-आईपीएस सेलेक्शन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती थी। इससे बड़ा एग्जाम्पल और क्या हो सकता है कि अकेले इस संस्थान ने वर्ष 1993 से लेकर 1983 के बीच दस सालों में 190 आईएएस-आईपीएस ऑफिसर दिए। 1994 में रिकॉर्ड 30 ऑफिसर्स का सेलेक्शन यहां से हुआ था। 1993 के बाद से सेलेक्शन की धीमी हुई रफ्तार 2005 के बाद ठप हो गई। इसके बाद हॉस्टल से किसी भी स्टूडेंट का न तो आईएएस के लिए सेलेक्शन हुआ और न ही आईपीएस के लिए। AU ने की planning
पंत हॉस्टल के पुराने गौरव को लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ऑफिसर्स को अब चिंता हुई है। सिर्फ चिंता नहीं बल्कि उन्होंने इसके साल्यूशन पर भी काम करना शुरू कर दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो नए एकेडमिक सेशन से हॉस्टल के हालात बेहतर हो जाएंगे। प्लानिंग को इम्प्लीमेंट करने में इमानदारी बरती गई तो पूरी संभावना है कि कुछ एक सालों में सिविल सर्विसेज में बेहतर सेलेक्शन देने वाले इस हॉस्टल की पुरानी इमेज वापस हो जाएगी। हॉस्टल के प्रिंसिपल की मानें तो इसके लिए वह सारी कोशिश की जाएगी, जो वे कर सकते हैं। प्रिंसिपल के मुताबिक यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके लिए प्लानिंग तैयार कर ली है।
बाहर से बुलाए जाएंगे expertयूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई प्लानिंग के मुताबिक हॉस्टल को सेंट्रल गवर्नमेंट से मिलने वाला फंड अब केवल हॉस्टल की कोचिंग पर खर्च किया जाएगा। कोचिंग में क्लास लेने वाले सब्जेक्ट एक्सपर्ट को नए लेक्चर रेट से पेमेंट किया जाएगा। जिससे वे संघ लोक सेवा आयोग के सिविल सर्विसेज एग्जाम के लिए बेहतर तरीके से स्टूडेंट्स की प्रिपरेशन करा सकें। हॉस्टल सहित अन्य खर्चों को कोचिंग के लिए मिले बजट से दूर रखा जाएगा। ऑफिसर्स के मुताबिक हॉस्टल में तैनात इंप्लाईज के पेमेंट सहित अन्य दूसरे खर्च आने वाले दिनों में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन संभालेगा। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने हॉस्टल के लिए 10 लाख रुपए देने के लिए हामी भर दी है। फाइनेंस कमेटी की स्वीकृति के बाद हॉस्टल को ये पेमेंट जारी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही लांग टर्म के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। एडिशनल कमिश्नर फाइनेंस, यूनिवर्सिटी के फाइनेंस ऑफिसर व प्रिंसिपल की एक कमेटी बना दी गई है। कमेटी इस पर वर्क कर रही है कि इस हॉस्टल को पूरी तरह से यूनिवर्सिटी से अटैच कर दिया जाए।
100 seat पर होता है admissionहॉस्टल में यूपीएससी के सिविल सर्विसेज एग्जाम की प्रिपरेशन कराने के लिए हॉस्टल में 100 सीटों पर स्टूडेंट्स का एडमिशन होता है। 100 सीट में 70 सीट एससी/एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट के लिए रिजर्व होती है। जबकि बाकी की 30 सीट पर ओबीसी कैटेगरी के स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया जाता है। इन सभी स्टूडेंट्स को हॉस्टल में कोचिंग क्लास के अलावा रहने व खाने की फैसिलिटी भी प्रोवाइड कराई जाती है. Year-wise selection20 selection in 197330 selection in 197423 selection in 197519 selection in 197613 selection in 197719 selection in 197816 selection in 197912 selection in 198010 selection in 198117 selection in 198211 selection in 19831 selection in 19932 selection in 19961 selection in 19972 selection in 19981 selection in 20013 selection in 20031 selection in 20041 selection in 2005पिछले कुछ सालों में पंत हॉस्टल की स्थिति में तेजी से गिरावट आई है। सेलेक्शन लेने वालों की संख्या भी न के बराबर है। कोशिश की जा रही है कि हॉस्टल का पुराना गौरव लौट आए। इसके लिए एमएचआरडी को भी एक प्रपोजल भेजा गया है। यूनिवर्सिटी से भी हेल्प मिल रही है। जल्द ही कुछ अच्छा होगा।
प्रो। आरआर यादव, प्रिंसिपल पंत हॉस्टलReport by- Ajit Shukla