कहीं आपका लाडला बिगड़ न जाए
बीटेक फस्र्ट इयर का स्टूडेंट
हर्ष प्रताप सिंह उर्फ कुंदन सिंह प्रतापगढ़ डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला है। उसके पिता गांव के ग्राम प्रधान हैं। मां टीचर हैं। उसका बड़ा भाई आनंद सिंह भी भी पढ़ाई के लिए सिटी आया था। लेकिन टशन में उसने भी अपना कॅरियर दांव पर लगा दिया। एक छात्र को गोली मार दी। नतीजा पुलिस ने उसे सलाखों के पीछे भेज दिया। फैमिली को छोटे बेटे हर्ष से बेहद आस थी। पेरेंट्स यही सपना देख रहे थे कि वह इंजीनियर बन अपने मां-बाप का सपना पूरा करेगा। वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए इलाहाबाद आया था। उसने इंजीनियरिंग इंट्रेस भी निकाल लिया। सिटी के एक इंजीनियरिंग कालेज में उसका दाखिला हो गया। वह रेंट पर रूम लेकर रहने लगा था.
दर्जनों लूट के आरोप
एसएसपी की स्पेशल टीम ने हर्ष को मंडे नाइट लूट के आरोप में अरेस्ट किया था। उसे कर्नलगंज पुलिस स्टेशन लाया गया। पुलिस को हर्ष के खिलाफ कई एविडेंस मिले थे। काफी समय से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। गाड़ी के नंबर के अलावा लूट का मोबाइल और सर्विलांस की मदद से पुलिस ने उसे पकड़ा था। इस घटना के बाद पुलिस ने उसके घर वालों को सूचना दी। ट्यूजडे मार्निंग हर्ष के फैमिली पुलिस स्टेशन पहुंचे। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि हर्ष ने इस तरह का काम किया होगा। जबकि पुलिस का दावा है उसने दर्जनों लूट की घटनाओं को अंजाम दिया है.
दूसरी ओर कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में जेल जाने से पहले आरोपी हर्ष ने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि उसने लूट की किसी घटना को अंजाम नहीं दिया है। जो महिला उसे पहचान रही है, उसे वह नहीं जानता। उसने रोते हुए बताया कि अब उसका कॅरियर चौपट हो जाएगा.
साथी है wantedपुलिस ने बताया कि हर्ष के साथ उसका एक साथी भी है। दोनों साथ में लूट की घटनाओं को अंजाम देते थे। राह चलते किसी को वे टारगेट बना लेते थे। जब भी मौका मिलता था। महिला के गले से चेन तो कभी राह चलते मोबाइल या पर्स छीनकर भाग जाते थे। हर्ष तो पुलिस की कस्टडी में है लेकिन अभी तक उसका साथी नहीं पकड़ा गया है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक हर्ष अपने साथी प्रमोद सिंह के साथ घटनाओं को अंजाम देता था। अब पुलिस टीम प्रमोद की तलाश में जुटी है। इस ऑपरेशन में एसओजी प्रभारी मनोज रघुवंशी, एसआई साजिद अली और मोबाइल रिकवरी सेल संदीप शर्मा, पंकज दुबे, एंटी चेन स्नैचिंग टीम के भानू प्रताप, दीपक और पंकज आदि शामिल थे. हर ग्रुप है शामिलये कोई पहला बीटेक स्टूडेंट नहीं है जो लूट के आरोप में पकड़ा गया है। इससे पहले भी न जाने कितने लड़के जेल गए हैं जो यहां पर इंजीनियर व डॉक्टर बनने की हसरत लेकर आए थे, लेकिन रास्ता भटक गए और गुनाह करते चले गए। हाल ही में ऐसे कई स्टूडेंट पकड़े गए हैं जिन्होंने ऐसी घटनाओं को अंजाम देकर अपनों के सपनों को चूर-चूर कर दिए। एक पखवारे में हुई घटनाओं पर नजर डालते हैं.
एमबीए का स्टूडेंटसहुैल आज सलाखों के पीछे है। शिवकुटी पुलिस ने सुहैल को 17 फरवरी को फ्राड करने के आरोप में अरेस्ट कर जेल भेजा था। जांच में पता चला कि सुहैल एमबीए का स्टूडेंट है। उसने भारतीय स्टेट बैंक में फर्जी आईडी प्रूफ लगाकर बैंक एकाउंट खोला था. इंटर का स्टूडेंटकर्नलगंज पुलिस ने हाल ही में साइबर क्राइम के आरोप में इंटर के स्टूडेंट धनंजय को अरेस्ट किया था। मऊ डिस्ट्रिक्ट का रहने वाला धनंजय अपने साथियों के साथ मिलकर साइबर की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की कोशिश में लगा था. बीए का स्टूडेंटकर्नलगंज पुलिस ने बीए के तीन स्टूडेंट शैलेन्द्र, अरमान और सतीश को साइबर क्राइम के आरोप में अरेस्ट किया था। तीनों पर आरोप था कि वे एटीएम कार्ड का नंबर व पासवर्ड चोरी से देख कर उसके थ्रू इंटरनेट शॉपिंग करते थे। यही नहीं उसी के थ्रू फर्जी आईडी बनाकर मोबाइल रिचार्ज भी करते थे.आज हर कोई लग्जीरियस लाइफ स्टाइल को फॉलो करना चाहता है। अपनी इच्छाएं शार्टकट में पूरी करने में लग जाता है। जब कोई पहली बार कोई घटना को अंजाम देता है और पकड़ा नहीं जाता तो उसका हौसला और बढ़ जाता है। यही नहीं आज कल लड़के के अदंर लड़कियों को इंप्रेस करने का भी चलन बढ़ गया है। ब्रांडेड कपड़े और मल्टीमीडिया मोबाइल लेकर वह खुद को स्मार्ट और स्टाइलिश समझते हैं। अपनी गैर जरूरी इच्छाओं को पूरी करने के लिए इस तरह की हरकतें करते हैं और जरायम की दुनिया में शामिल हो जाते हैं.
शिखा श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक