व्यापारियों ने सरकार के फैसले को सराहा लेकिन इसकी जगह विकल्प की तैयारी नहींएक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के फैसले को व्यापारियों ने सराहना की है लेकिन विकल्प तैयार नहीं होने से उनमें चिंता है. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में व्यापारियों ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन एक व्यावहारिक कदम है और पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है लेकिन समान और उचित विकल्पों के अभाव में यह बैन देश के उद्योग एवं व्यापार पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है. क्योंकि बिना वैकल्पिक वस्तु प्रतिबंध व्यापार और उद्योग के लिए बहुत हानिकारक साबित होगा. जिले के तमाम व्यापारी इस गंभीर मुद्दे पर सरकार के साथ खड़े हैं लेकिन उनके पास इसके विकल्प की तैयारी नहीं है. क्योंकि अधिकांश छोटे व बड़े सामानों की पैकिंग सिंगल यूज प्लास्टिक व थर्मोंकोल के साथ होती है. पॉलिथिल सिंगल यूज प्लास्टिक बैन हुई तो कैसे सामानों की सुरक्षा होगी. यह एक बड़ा सवाल है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक बड़ा कारोबार है। प्रतिदिन डेढ सौ क्विंटल सिंगल यूज प्लास्टिक की खपत है। सरकार शुक्रवार से इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने जा रही है। इसका निर्माण, आयात, निर्यात और बिक्री पूरी तरह गैर कानूनी हो जाएगी। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद मिलने पर संबंधित के खिलाफ केस दर्ज कर जुर्माना लगाया जाएगा। प्रतिबंध से प्रतिदिन करीब 12 से 15 लाख रुपये का कारोबार प्रभावित होगा। हर बड़े सामानों के साथ छोटे कीमती सामान की पैकिंग में इसका यूज होता है। जैसे गोल्ड के डिजाइन वाले छोटे आइटम को थर्मोकोल व छोटे पॉलिथिन से पैक किया जाता है। ताकि सुरक्षित के साथ कोई स्क्रेच न आए। महंगी व इंपॉर्टेंट वॉच तक की पैकिंग सिंगल यूज प्लास्टिक में होता है। महंगे परफ्यूम, गोगल्स (चश्मा), बच्चों के गेम्स, गिफ्ट आईटम से लेकर तमाम व छोटे सामान जो काफी सेंसिटिव होते हैं सभी चीजें इसमें शामिल हैं।

व्यापार होगा प्रभावित
- छोटे व बड़े मार्केट में रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाने वाले सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं।

अधिकांश छोटे व कीमती सामानों की पैकिंग सिंगल यूज प्लास्टिक में होती है। सरकार का बैन करने वाला कदम सराहनीय है। लेकिन इसका कोई विकल्प भी होना चाहिए। तक व्यापारियों तक सामान सुरक्षित पहुंच सके। क्योंकि अक्सर सामानों पर स्क्रेच आने पर ग्राहक सामान नहीं लेते हैं।
- राजेश गुप्ता, गिफ्ट सेंटर

जितने भी रिंग, ईयर रिंग व अन्य छोटे कीमती आइटम होते हैं सबकी पैकिंग किसी में होती है। बैन होने से व्यापार पर असर पड़ेगा। सामानों की सुरक्षा की दृष्टि से इन आइटमों को सिंगल यूज प्लास्टिक में किया जाता है।
- सागर ग्रोवर, गोल्ड शॉप

हर एक चश्मे की पैकिंग सिंगल यूज प्लास्टिक में होता है। ताकि किसी भी चश्मे के कांच पर स्क्रेच न आए। क्योंकि छोटा सा भी स्क्रेच आने पर कस्टमर सामान नहीं लेता है। हर कोई चाहता है, पैसा लगाने पर फ्रेश आइटम मिले। यह एक बड़ी चुनौती होगी।
- ऋषभ केसरवानी, लक्ष्मी चश्मा घर

Posted By: Inextlive