'सरकार ही नहीं हम भी हैं जिद्दी'
देश भर के सर्राफा कारोबारी इस बार नहीं मनाएंगे होली
आंदोलन के 18 दिन बाद भी सरकार की चुप्पी से व्यापारी नाराज आई नेक्स्ट संवाद में सर्राफा कारोबारियों ने रखी अपनी बातALLAHABAD: 18 दिनों से पूरे देश का सर्राफा कारोबार बंद है। 700 से अधिक सर्राफा मंडियों में सन्नाटा है। करीब सवा लाख करोड़ का व्यापार प्रभावित हो चुका है। 17 मार्च को देश भर के करीब छह लाख से अधिक सर्राफा कारोबारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया। पूरा मैदान भरा रहा लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं आया। वित्त मंत्री अपनी जिद पर अड़े हैं। सर्राफा कारोबारी इससे खासे नाराज हैं? उनका सवाल है कि हमने तो हमेशा भाजपा का साथ दिया है? फिर हमें क्यों निशाना बना दिया। अब तो आंदोलन तेज होगा। हम होली नहीं मनाएंगे। भाजपा का विरोध करेंगे। आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित संवाद में सर्राफा कारोबारियों ने अर्थव्यवस्था का आंकड़ा रखते हुए वित्त मंत्री को जिद्दी करार दिया।
होली को भाजपा सांसदों के सामने प्रदर्शनसंवाद में शामिल विनय मिश्रा, विष्णु अग्रवाल, अतुल कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार अपने जिद पर कायम है तो हम भी पीछे नहीं हटेंगे। इस बार होली नहीं मनाएंगे। इस दिन सांसदों का घेराव करेंगे। उनके घर के सामने प्रदर्शन करेंगे। बात नहीं बनी तो चुनाव में भाजपा का मुखर विरोध करेंगे। इलाहाबाद के बड़े सर्राफा व्यापारी व जेम्स एंड ज्वैलरी फंड के राष्ट्रीय सदस्य राकेश चढ्डा ने कहा, सरकार एक्साईज ड्यूटी लागू करने की जिद पर क्यों अड़ी है? बात केवल खजाना भरने की है, तो कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। वैट की दर बढ़ा सकती है। इसके लिए व्यापारी राजी हैं। फिर एक्साइज ड्यूटी की जिद क्यों? मेरे हिसाब से तो एक परसेंट टैक्स के सहारे एक वर्ग को सर्राफा कारोबारियों पर दादागिरी करने का अधिकार मिल जाएगा। यह फैसला उन्हीं के दबाव में लिया गया है।
बात तो करें वित्त मंत्री महेंद्र कुमार अग्रवाल उर्फ राजू भैया ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली का रवैया अडि़यल है। सरकार न फैसला ले रही है, और न ही सर्राफा कारोबारियों से कोई बात कर रही है। नेशनल लेवल पर जेम्स एंड ज्वेल्स फंड के पदाधिकारी लगातार वित्त मंत्री से मिलने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, वह मिलने को ही तैयार नहीं हैं। सर्राफा कारोबारियों में आक्रोश 18 दिन से बंद है पूरे देश के साथ इलाहाबाद में सर्राफा कारोबार आंदोलन में केवल इलाहाबाद में हुआ करीब 350 करोड़ से अधिक का नुकसानसरकार ने सर्राफा कारोबारियों को लाने का प्रस्ताव किया है एक्साइज ड्यूटी के दायरे में
व्यापारियों का कहना, वैट या कस्टम डयूटी बढ़ा लें एक्साइज विभाग पर क्यों करें विश्वास 15 मार्च को केंद्रीय उत्पाद शुल्क व सेवा कर आयुक्त संजय राठी ने पत्रकार वार्ता कर एक्साइज ड्यूटी के बारे में बताया था। एक्साइज ड्यूटी को लेकर व्यापारियों में भ्रम की स्थिति होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में जहां 12 करोड़ का टर्न ओवर करने वाले एक्साईज ड्यूटी देने के गाइड लाइन में शामिल हैं। वहीं, फाईनेंशियल ईयर- 2016-17 से छह करोड़ से अधिक का टर्न ओवर करने वालों को एक्साईज ड्यूटी देनी होगी। कारीगर पर एक फीसदी एक्साईज ड्यूटी नहीं लगेगी। पंजीकरण भी नहीं कराना होगा। सर्राफा कारोबारी एक्साईज कमिश्नर के इन तथ्यों को मानने को तैयार ही नहीं हैं। संवाद में कारोबारियों ने कहा कि यही बात वित्त मंत्री क्यों नहीं कहते हैं? वे सर्राफा कारोबारियों से वार्ता क्यों नहीं कर रहे हैं? सर्राफा कारोबारियों का एक्साइज कमिश्नर से सवाल एक्साईज ड्यूटी लागू करने का पैमाना क्या है? मैनुफैक्चरर और ट्रेडर को अलग-अलग रखते हुए कैसे पहचानेंगे? एक्साइज अधिकारियों व कर्मचारियों को क्या सर्राफा कारोबारियों का स्टाक और पेपर चेक करने का अधिकार है?एक्साइज ऑफिसर कारोबारियों के दुकान पर क्यों चढ़ते हैं?
इनफार्मर की बात क्यों मानी जाती है? एक्साइज तक कैसे पहुंचेंगे व्ययापारी? किसी अधिकारी ने किया ब्लैकमेल या फिर किया परेशान तो फिर कहां और कैसे करेंगे शिकायत? व्यापारियों के पास कौन-कौन से पॉवर रहेंगे? सर्राफा कारोबारियों का हैरेसमेंट न हो इसकी गारंटी कौन देगा व्यापारी अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ करें शिकायत तो क्या कार्रवाई होगी? Fact File 20 करोड़ का टर्नओवर होता है इलाहाबाद में हर दिन 30 किलोग्राम सोना खपत होता है प्रति दिन 20 प्रतिशत इलाहाबाद की अर्थव्यवस्था में है सर्राफा कारोबार की हिस्सेदारी 2500 दुकानें हैं इलाहाबाद में कुल 35 हजार कारीगर करते हैं काम, बनाते हैं ज्वैलरी