Allahabad: हो सकता है आप खुद को नॉर्मल समझते हों और हल्की-फुल्की प्रॉब्लम को नजर अंदाज कर देते हों. लेकिन आपकी यह हैबिट सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. बात हो रही है ब्लड प्रेशर की. यह ऐसा फैक्टर है जो इस सीजन में अधिकतर को इफेक्ट करता है. यह ज्यादा हॉर्मफुल हो इससे पहले इसकी रोकथाम करना जरूरी है. बदलते सिनेरियो में हाई बीपी की प्रॉब्लम किसी भी एजग्रुप में हो सकती है.


क्यों बढ़ता है blood pressureआखिर ठंड में बीपी क्यों बढ़ता है? इसके कई रीजन हो सकते हैं लेकिन मेनली तीन रीजन सबसे ज्यादा सामने आते हैं। पहला पसीना कम निकलने से बॉडी में नमक की मात्रा बढ़ जाती है। दूसरा अधिक खानपान से बॉडी में चर्बी बढऩे से दिक्कत हो सकती है और तीसरा रीजन खून की नसों के सिकुडऩे से जुड़ा है। ये तीनों रीजन हाई बीपी के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इसलिए होती है heart problem


डॉक्टर्स कहते हैं कि ठंड में ब्लड प्रेशर लगातार बढ़े रहने से हार्ट प्रॉब्लम क्रिएट हो सकती है। आमतौर पर मॉर्निंग के समय में बीपी का लेवल हाई होता है और इसी दौरान हार्ट अटैक के चांसेज भी ज्यादा हो जाते हैं। कई बार पेशेंट को ब्रेन हैमरेज का शिकार भी होना पड़ता है। ऐसे में जो लोग पहले से बीपी या शुगर के पेशेंट हैं उन्हें होशियारी बरतनी चाहिए। ये लक्षण हैं खतरे की घंटी-सिरदर्द-भारीपन-उलझन-घबराहट-चक्कर आना-दिल की धड़कन बढ़ जानाइन्हें follow करें-ठंड में अधिक खानपान से बचें-खाने में नमक की मात्रा कम रखें-शुगर और बीपी के पेशेंट्स को अपना रुटीन चेकअप कराना चाहिए-मॉर्निंग में चार से छह बजे के बीच बिस्तर पर रहें

Youngsters भी चपेट में हैंहाई बीपी की प्रॉब्लम केवल ओल्ड एज नहीं बल्कि यंगस्टर्स को भी सता रही है। फिजीशियन डॉ। ओपी त्रिपाठी कहते हैं कि ओपीडी में अधिकतर यंग एज पेशेंट्स सिरदर्द और घबराहट की शिकायत करते हैं। जांच में पता चलता है कि उनका बीपी बढ़ा हुआ है। ऐसे में उनको संभलकर रहने की हिदायत दी जाती है। अनियमित दिनचर्या इसका सबसे बड़ा रीजन है। अधिक स्मोकिंग और एल्कोहल लेने से भी बीपी फ्लक्चुएट करने लगता है।

Posted By: Inextlive